सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ कर्ज न चुकाना अपने आप में कोई 'क्रिमिनल ऑफेंस' नहीं है, जब तक कि इसके पीछे कोई क्रिमिनल इरादा न हो.