कोरोना संकट (Covid-19 Pandemic) के उबरने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने आत्मनिर्भर भारत अभियान (AtmaNirbhar Bharat) शुरू किया है. इस अभियान में सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. इस कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने 'आत्मनिर्भर उत्तराखंड' की भी प्लानिंग की है. 

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ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी से खास बातचीत में उत्तराखंड (Uttarakhand) में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने राज्य को दिए जाने वाले बूस्टर डोज का खुलासा किया. कोरोना संकट से देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड को पिछले दो महीनों में करीब 7000 करोड़ रुपये की चपत लगी है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले राज्य में कोरोना संक्रमण को कंट्रोल रखने की योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम किया है. राज्य के हर जिले को सभी हेल्थ सर्विस से लैस किया गया है. राज्य में 500 से अधिक नए डॉक्टरों और बड़ी संख्या में पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई है. हर जिले में वेंटिलेटर, पीपीई किट्स और मास्क सप्लाई की गई है. 

उन्होंने बताया कि बाहर से आ रहे लोगों की स्क्रिनिंग की जा रही है. लोगों को क्वारंटीन में रखा जा रहा है. 

अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. अब तक 1.29 लाख लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया जा चुका है. विशेष रेलगाड़ियों और बसों से लोगों को लाया जा रहा है.

हर हाथ को मिले काम

कोरोना काल में किसी भी आदमी को पैसे या खाने की दिक्कत न हो इसके लिए पेंशनधारकों को 3 महीने की एडवांस पेंशन दी गई है. राशनकार्ड धारकों को 20 किलो अतिरिक्त अनाज दिया गया है. 

बाहर से आने वाले लोगों को राज्य में ही रोजगार मिले इसके लिए 'मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना' शुरू की है. 

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खेती और पशुपालन पर जोर

उत्तराखंड के 13 में 9 जिले पहाड़ी इलाकों में आते हैं. इन इलाकों में पशुपालन और बागबानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं.

जो लोग खेती करना चाहते हैं, उनके लिए 'मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना' शुरू की गई है. इस योजना में मुरगी पालन, बकरी पालन, भेड़ पालन जैसी योजनाओं को भी शामिल किया गया है.

पर्यटन के लिए प्लानिंग

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की कमाई का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन उद्योग से आता है. राज्य में पर्यटन को फिर से जिंदा करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं. उत्तराखंड में होम स्टे योजना चल रही है. बड़ी संख्या में होम स्टे तैयार किए गए हैं. एडवेंचर स्पॉट भी तैयार किए जा रहे हैं.

कुशल कामगारों के लिए Hope

राज्य में वापस आ रहे कुशल कामगारों और उद्योगों को आपस में जोड़ने के लिए Hope ऐप लॉन्च किया गया है. यह एक ऐसा मंच है जो कामगारों और उद्योगों को एकसाथ जोड़ने का काम कर रहा है. इस ऐप पर कुशल कामगार अपनी योग्यता के मुताबिक अपनी पसंद के उद्योग से खुद को जोड़कर काम हासिल कर सकते हैं.

उद्योगों को बढ़ावा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राज्य में नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें 25 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. उद्योगों को राहत देने के लिए लेबर एक्ट में 6-7 संशोधन किए जा चुके हैं. 

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ग्रामीण विकास

ग्रामीण विकास की प्लानिंग के बारे में उन्होंने बताया कि राज्य में 88 रूरल ग्रोथ सेंटर तैयार किए हैं. इस सेंटरों के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जाता है. 10,000 से ज्यादा क्लस्टर बनाए हैं. ये क्लस्टर फिश फार्मिंग, सुगंधित खेती, जड़ी-बूटी की खेती से जुड़े हुए हैं. दमिश्क गुलाब की खेती के लिए 500 हेक्टेयर का क्लस्टर तैयार किया गया है.