Approval to Ethanol projects: इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसी के तहत सरकार ने 71 इथेनॉल उत्पादन प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दी है. 31 मई 2022 तक इन्हें परमिशन दी गई. आपको बता दें कि नई Interest Subvention स्कीम के तहत ये मंजूरी दी गई है. इन प्रोजेक्ट्स की प्रोडक्शन कैपेसिटी 396 करोड़ लीटर होगी. वहीं बायोफ्यूल पॉलिसी में बदलाव को कैबिनेट से मंजूरी के बाद सरकार ने इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट prepone कर दिया है.

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पिछले दिनों भी दी थी मंजूरी

पिछले दिनों भी सरकार ने 46 इथेनॉल प्रोजेक्टस को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी. फूड और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन विभाग ने इसको अप्रूव किया. interest subvention स्कीम्स की नई विंडो के तहत इन सबको मंजूरी दी गई. इन परियोजनाओं से देश में 260 करोड़ लीटर से ज्यादा अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि ये अप्रूवल 22 अप्रैल को नोटिफाई की गई नई विंडो के तहत दिया गया. 

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क्या होगा फायदा

2014 से पहले शीरा आधारित डिस्टिलरी की इथेनॉल आसवन (distillation) कैपेसिटी सिर्फ 215 करोड़ लीटर थी. हालांकि, पिछले 7 साल में केंद्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत परिवर्तनों के कारण, शीरा आधारित डिस्टिलरी की क्षमता में डेढ़ गुना वृद्धि हुई. अभी अनाज आधारित डिस्टिलरी की क्षमता 569 करोड़ लीटर हो गई, जो 2013 में 206 करोड़ लीटर थी, जो 280 करोड़ लीटर की वृद्धि का सूचक है. इस तरह, देश में कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता 849 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है.