ESIC कार्ड वाले भी करा सकेंगे महंगा इलाज, मोदी सरकार ने दी बड़ी रियायत
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने स्वास्थ्य बीमा योजना में सुपर स्पेशियल्टी इलाज के लिए न्यूनतम दो साल के योगदान के नियम में ढील देकर इसे छह महीने कर दिया है.
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने स्वास्थ्य बीमा योजना में सुपर स्पेशियल्टी इलाज के लिए न्यूनतम दो साल के योगदान के नियम में ढील देकर इसे छह महीने कर दिया है. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जो काफी अरसे से किसी बीमारी से पीड़ित हैं. ईएसआईसी बोर्ड ने इसे हाल में मंजूरी दी है.
बैठक में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत आश्रितों की न्यूनतम व्यक्तिगत आय को भी 5,000 रुपये मासिक से बढ़ाकर 9,000 रुपये मासिक करने का फैसला किया गया.
एक सूत्र ने कहा, ‘‘ईएसआईसी के बोर्ड ने ईएसआई योजना के तहत सुपर स्पेशियल्टी इलाज के लिए न्यूनतम योगदान की अवधि को दो साल से घटाकर छह महीने करने का फैसला किया है.’’
साथ ही ईएसआई के तहत बीमित व्यक्ति के आश्रितों मसलन पुत्र, पुत्री, माता और पिता के लिए न्यूनतम मासिक आय को भी मौजूदा के 5,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने का फैसला किया गया है.
बोर्ड ने कहा कि ईएसआईसी राज्यों द्वारा संचालित अस्पतालों के पूरे खर्च का भुगतान करेगा. ये ऐसे अस्पताल हैं जिनके साथ उसका बीमित व्यक्ति के इलाज के लिए करार होगा.
अभी ईएसआईसी 87.5 प्रतिशत खर्च का भुगतान करता है. शेष 12.5 प्रतिशत खर्च संबंधित राज्यों को उठाना पड़ता है. यूनियनों ने सुझाव दिया है कि यदि ईएसआईसी द्वारा पूरा खर्च दिए जाने के बाद भी भविष्य में इन अस्पतालों की सेवाओं में सुधार नहीं होता है तो उसे इन अस्पतालों को अपने हाथों में ले लेना चाहिए.
बैठक के दौरान बोर्ड को यह भी बताया गया कि ईएसआई योजना के तहत नियोक्ता और कर्मचारियों की ओर से योगदान को भी घटाकर वेतन के क्रमश: चार प्रतिशत और एक प्रतिशत कर दिया गया है. पहले यह वेतन का 4.5 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत था.