राजस्‍थान में बिजली (Electrictiy tariff rates) महंगी हो गई है. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (RERC) ने 50 यूनिट से ऊपर की खपत वाले घरेलू ग्राहकों और कमर्शियल बिजली के लिए रेट बढ़ा दिया है. यह बढ़ोतरी 1 फरवरी 2020 से लागू हो गई है. RERC के मुताबिक इससे बिजली कंपनियों को सालाना 4800 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. आपको बता दें कि कंपनियों को 7000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो रहा था.

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हालांकि BPL और आस्था श्रेणी (Astha Category) के ग्राहकों के साथ-साथ 50 यूनिट प्रति माह तक की खपत वाले छोटे उपभोक्ताओं के लिए दरें नहीं बढ़ाई गई हैं. आयोग के चेयरमैन श्रीमत पांडे ने बताया कि बिजली दरों में कुल मिलाकर 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.

राज्य में कुल 1.40 करोड़ बिजली ग्राहक हैं, जिनमें से 70 लाख ग्राहकों के लिए बिजली महंगी हो गई है. आयोग ने सामान्य घरेलू ग्राहक, घरेलू ग्राहक, अघरेलू ग्राहक और कृषि श्रेणी में यह बढ़ोतरी 40 पैसे से 1.05 रुपये प्रति यूनिट तक है. हालांकि कृषि श्रेणी में आने वाले किसानों के बिजली दरों में बढ़ोतरी को राज्य सरकार वहन करेगी, इसलिए वे इस बढ़ोतरी से प्रभावित नहीं होंगे. 

राज्य में बिजली 3 साल बाद महंगी हुई है. इससे पहले आयोग ने सितंबर 2016 में दरों में बदलाव किया था. यही नहीं आयोग ने प्री-पडे मीटरिंग को बढ़ावा देने के लिए और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिये प्री-पेड मीटरिंग पर मौजूदा छूट को 0.10 प्रति यूनिट से बढ़ाकर 0.15 प्रति यूनिट कर दिया हैं.

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए आयोग ने नई श्रेणी यानी इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन (Electric Vehicle Charging station) को रियायती शुल्क दरों के साथ प्रस्तावित किया है. आयोग का कहना है कि उसने हरेक श्रेणी के लिए फीस राज्य सरकार से मिलने वाले किसी भी अनुदान पर विचार किए बिना निर्धारित की हैं.