लोकसभा-विधानसभा चुनावों में खर्च की लिमिट बढ़ी, इलेक्शन कमीशन ने उम्मीदवारों के लिए जारी किए नए आंकड़े
Election Commission: चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है.
Election Commission: चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है. कानून मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा को 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया है.
लोकसभा चुनावों के खर्च की सीमा
लोकसभा चुनावों (Lok Sabha polls) के लिए संशोधित खर्च की सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 95 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये है. पहले यह सीमा बड़े राज्यों के लिए 70 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 54 लाख रुपये था.
विधानसभा चुनावों के खर्च की सीमा
इसी तरह, विधानसभा चुनावों (assembly elections) के लिए बड़े राज्यों के उम्मीदवार अब 28 लाख रुपये के बजाए 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं. छोटे राज्यों के उम्मीदवार अब 20 लाख रुपये के बजाए अधिकतम 28 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं.
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सरकार का यह निर्णय पोल पैनल की सिफारिशों पर आधारित है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने कहा कि खर्च की यह बढ़ी हुई सीमा आगामी सभी चुनावों पर लागू होंगी.
आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा असर
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में उम्मीदवार अब बढ़े हुए चुनावी खर्च पर जा सकते हैं. इन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और आयोग के अगले कुछ दिनों में चुनाव की तारीखों की घोषणा करने की उम्मीद है.
Election Commission के नोटिफिकेशन के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के लिए खर्च की सीमा अब 40 लाख रुपये है. गोवा और मणिपुर के लिए यह अब 28 लाख रुपये है.
इन चुनावों में स्टार प्रचारकों की रैलियों और कार्यक्रमों का खर्च पार्टियों द्वारा वहन किया जाता है. राजनीतिक पार्टियों द्वारा खर्च की गई राशि पर कोई सीमा नहीं होती है.
चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा में आखिरी बड़ा संशोधन 2014 में किया गया था, जिसे अंतरिम उपाय के रूप में 2020 में 10 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया था.