Election Commission: देश में दो राज्यों में विधानसभा चुनाव बस होने ही वाले हैं. इसे देखते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) भी एक्शन में आ चुका है. मंगलवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को खोखले चुनावी वादों से बचने की सलाह दी है. सभी राजनीतिक पार्टियों को भेजे एक लेटर में चुनाव आयोग ने कहा कि दलों को अपने चुनावी वादों को लेकर एक रोडमैप जनता के साथ शेयर करना चाहिए, जिससे जनता इस बात का आकलन कर सके कि ये वादे कितने पूरे हो सकते हैं. इसके साथ ही इन दलों को इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि इन वादों को पूरा करने के लिए फंड का इंतजाम कैसे होगा. चुनाव आयोग (Election Commission) ने इन मुद्दों पर राजनीतिक पार्टियों के विचार भी मांगे हैं.

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चुनावी वादों का रोडमैप पेश करना होगा

राजनीतिक दलों को लिखे लेटर में चुनाव आयोग ने कहा कि वह चुनावों के दौरान किए जाने वाले खोखले वादों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम होते हैं. इन वादों के लिए दलों को एक रोडमैप भी पेश करना होगा कि कैसे इन्हें पूरा किया जाएगा. 

चुनाव आयोग ने बताया कि इस रोडमैप में पार्टियों को एक डिस्क्लोजर प्रोफार्मा में फिजिकल कवरेज की मात्रा, वादों को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन की उपलब्धता आदि की भी जानकारी देनी होगी.