ED raids: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा फंड कोष में 18 करोड़ रुपये से ज्यादा के गबन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कार्रवाई की है. झारखंड की खनन सचिव के परिसर सहित कई दूसरे ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. मामला 2008 से 2011 के बीच का है. उन्होंने बताया कि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और कुछ दूसरे राज्यों में 18 ठिकानों में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की गई.

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कई ठिकानों पर मारे छापे

अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी और झारखंड सरकार के खदान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव पूजा सिंघल के परिसर की भी तलाशी की गई. सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और पहले खूंटी जिले में उपायुक्त (डीसी) के रूप में तैनात थीं. एजेंसी के अधिकारियों द्वारा रांची में एक अस्पताल सहित कुछ दूसरे जगहों पर भी छापेमारी की जा रही है. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मी उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.

छापेमारी जिस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की जा रही है, वह झारखंड के जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है. पीएमएलए के तहत मामला दर्ज होने के बाद सिन्हा को 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था.

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16 एफआईआर और आरोपपत्रों पर कार्रवाई

केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो द्वारा सिन्हा के खिलाफ दर्ज की गई 16 प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लिया था. इनमें सिन्हा पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने, जालसाजी और धन की हेराफेरी के जरिये 18.6 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया गया था. सिन्हा से पूछताछ करने के बाद अगस्त 2020 में एजेंसी ने उनके खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने 4.28 करोड़ रुपये की उनकी संपत्ति भी जब्त की है.