प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन ठगी के जरिए की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की हाई-टेक यूनिट (HIU) ने देशभर में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की है. जांच में पता चला है कि सीए और क्रिप्टो बिजनेस का एक संगठित नेटवर्क ऑनलाइन ठगी के पैसों को वैध बनाने में लगा हुआ था.  फिशिंग, क्यूआर कोड, पार्ट टाइम जॉब और कॉल सेंटर जैसी हजारों साइबर ठगी की शिकायतों का विश्लेषण करने के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की है. हालांकि, इस दौरान ईडी के अधिकारियों पर हमला भी किया गया.

15000 फर्जी खातों का किया जा रहा है इस्तेमाल

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साइबर ठगों ने लगभग 15,000 फर्जी खातों का इस्तेमाल करके  ठगी के पैसों को छिपाने की कोशिश की. डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए  Pyypl जैसे वर्चुअल अकाउंट में पैसे डाले गए और फिर क्रिप्टो-करेंसी खरीदी गई. छापेमारी के दौरान कई जगहों से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है. दिल्ली के बृजवासन में एक सीए अशोक शर्मा और उनके भाई ने ईडी अधिकारी पर हमला करके भागने की कोशिश की. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है.

बैंक अकाउंट, कंपनी बनाने में मदद करता था सीए का गिरोह

सीए का एक गिरोह कंपनी बनाने और बैंक अकाउंट खुलवाने में मदद करता है. इस गिरोह की धर पकड़ पर ईडी के अधिकारी गए थे. इस दौरान साइबर फ्रॉड ने हमला किया. इसमें ईडी के एक असिस्टेंट डायरेक्टर घायल हो गए. साइबर ठगों द्वारा ये स्कैम काफी व्यवस्थित ढंग से किए जा रहे हैं, जिसमें डिजिटल अरेस्ट भी शामिल हैं. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने इस मामले की जांच की थी. इसके बाद ईडी को ये मामला दिया गया था.       

ईडी की कार्रवाई अभी जारी है और आगे और खुलासे होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि देश में साइबर फ्रॉड के केस अंधाधुंध तरीके से बढ़ते जा रहे हैं,  इस साल के पहले 9 महीनों में ही साइबर ठग लोगों को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं. सबसे ज्यादा फ्रॉड शेयर ट्रेडिंग से जुड़े पाए गए हैं. 12 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई है.