दिल्ली (Delhi) में सातवें आर्थिक सर्वे (Economic survey) की शुरुआत हो गई है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) ने पहली बार इस कार्य की जिम्मेदारी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) के निकाय कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को सौंपी है. इसके साथ ही पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण का समस्त डाटा स्मार्टफोन (Smartphone) या टैब (Tab) पर लिया जाएगा, जिससे आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य जल्द संपन्न किया जाए. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, महानिदेशक, सामाजिक सांख्यिकी, ए.के.साधू ने कहा कि पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform)  पर एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है.

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डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से यह लाभ होगा कि समस्त डाटा सटीक होगा और यह पूरी तरह से सुरक्षित होगा. आर्थिक सर्वेक्षण शुरू करने वाला दिल्ली 26वां राज्य है. जबकि 20 राज्य और 5 संघ शासित प्रदेश में यह कार्य पहले से चल रहा है. दिल्ली में इस समस्त सर्वेक्षण को पूरा होने में लगभग 3 महीने लगेंगे. इस दौरान सर्वेक्षण करने वाले दिल्ली के 45 लाख घरों-ढांचागत आधार तक जाकर लोगों से संबंधित आर्थिक डाटा जुटाएंगे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आर्थिक सर्वेक्षण (National economic survey) हर पांच साल में होता है. यह देश की आर्थिक नीतियां बनाने और सरकार की विभिन्न योजनाएं बनाने के लिए काफी अहम है. हमने पहली बार कागज पर सर्वेक्षण करने की जगह डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग शुरू किया है. इससे समस्त डाटा के मूल्यांकन में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा. जिससे देश के सामने आर्थिक सर्वेक्षण जल्द आएगा. यही वजह है कि इस बार रिकॉर्ड समय में आर्थिक सर्वेक्षण सामने आएगा.

कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center) के आपॅरेशन हेड नेपाल चंद्र सेन ने कहा कि हमारे करीब डेढ़ लाख प्रशिक्षित सर्वे करने वाले कार्यकर्ता देश भर में लगभग 35 करोड़ घरों में जाएंगे और देश के लगभग सभी व्यक्ति से जुड़ा आर्थिक डाटा हासिल करेंगे. इस समय करीब 22 करोड़ लोगों तक हमारी टीम पहुंच गई है. इनमें से लगभग 3.5 करोड़ लोगों का डाटा हमने इकट्ठा कर लिया है.

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पहली बार मोबाइल और टैब पर लिये जा रहे डाटा की सुरक्षा को लेकर सेन ने कहा कि यह समस्त सर्वे एक एप्लीकेशन पर किया जाएगा. इस समस्त प्रक्रिया के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी तरह का डाटा चूक या लीकेज न हो. इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि जब भी कोई डाटा एप्लीकेशन में दर्ज होगा तो उसी समय वह तुरंत क्लाउड में चला जाएगा. वहां से बिना सूचना या इजाजत के कोई भी व्यक्ति कोई डाटा हासिल नहीं कर पाएगा. इसके लिए एक प्रक्रिया निश्चित की गई है और उसी के मुताबिक कोई भी डाटा किसी को दिया जा सकता है.

देश में आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य पहली बार 1978 में किया गया था. यह सातवां सर्वेक्षण है. इसमें हर व्यक्ति का आर्थिक डाटा एकत्रित किया जाएगा. देश भर में इसके लिए दिन-रात कार्य किया जा रहा है. प्रति दिन देश भर में लगभग दस लाख घरों तक सर्वे करने वाले पहुंच रहे हैं.