Earthquake: महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में सुबह-सुबह हिली धरती, जानिए कितनी रही तीव्रता
आज सुबह-सुबह महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए. जानिए कितनी रही इनकी तीव्रता. कब आता है भूकंप और कितना तीव्र भूकंप होता है खतरनाक?
Earthquake in Maharashtra and Arunachal Pradesh : आज सुबह-सुबह महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए. ये झटके महाराष्ट्र के हिंगोली में करीब 10 मिनट के अंतराल पर दर्ज किए गए. पहला झटका सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 रही. वहीं, भूकंप का दूसरा झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर दर्ज किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई.
महाराष्ट्र के अलावा भूकंप के झटकों को अरुणाचल प्रदेश में भी महसूस किया गया. अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग में सुबह 01 बजकर 49 मिनट पर पहला झटका महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 3.7 महसूस की गई. इसका केंद्र 10 किमी की गहराई में था. वहीं दूसरा झटका पूर्वी कामेंग में सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 3.4 दर्ज की गई. इस भूकंप के केंद्र की गहराई 5 किमी थी. हालांकि इन भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.
क्यों आता है भूकंप
दरअसल ये पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.
कितनी तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. इसके बाद 5.5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप को हल्का खतरनाक भूकंप माना जाता है. इसमें थोड़े बहुत नुकसान की आशंका रहती है. अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में डैमेज हो सकता है. 7 से 7.09 के भूकंप को खतरनाक माना जाता है. इसमें बिल्डिंगों में दरार या उनके गिरने और जनहानि की खबरें आ सकती हैं. इससे तेज भूकंप बेहद खतरनाक होते हैं और कई सालों में एक बार आते हैं. अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप साल 1916 में चीन में आया था और उस वक्त उस भूकंप की तीव्रता 9.6 मेग्नीट्यूड थी.