Delhi NCR Earthquake: दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके, तीन दिन में दूसरी बार हिली धरती
Delhi NCR Earthquake: दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं. पांच दिन में दूसरी बार ये झटके महसूस हुए हैं.
Delhi NCR Earthquake: दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं. तीन दिन में दूसरी बार भूकंप के झटके आए हैं. भूकंप का केंद्र नेपाल है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार नेपाल में आज शाम चार बजकर 16 मिनट पर रिक्टर पैमाने पर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी नीचे था. आपको बता दें कि इससे पहले तीन नवंबर को दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाको में भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे.
Delhi NCR Earthquake: अयोध्या से 233 किलोमीटर उत्तर में था केंद्र, लोगों में फैली दशहत
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र उत्तर प्रदेश के अयोध्या से 233 किलोमीटर उत्तर में था. भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई लोगों ने फर्नीचर के बहुत तेज हिलने की सूचना दी. कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने लोगों के घरों से बाहर निकलने के वीडियोज शेयर किए हैं. शुक्रवार की रात नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप में पड़ोसी देश (नेपाल)में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक घायल हुए थे.
Delhi NCR Earthquake: भूकंप के आ चुके हैं 14 झटके, दिल्ली में 10 सेकंड तक हुए महसूस
नेपाल भूकंप पर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के वैज्ञानिक संजय कुमार प्रजापति ने ANI से बातचीत में कहा, "नेपाल में एक बार फिर भूकंप आया है. भूकंप की तीव्रता 5.6 है. अब तक 14 झटके आ चुके हैं, ये अब तक की सबसे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप था. जब भी बड़ा भूकंप आता है तो कुछ दिनों तक झटके आते रहते हैं. दिल्ली में 10 सेकेंड तक झटके महसूस हुए हैं.'
Delhi NCR Earthquake: क्या होता है भूकंप का केंद्र, कैसे तय होता है कंपन
भूकंप का केंद्र वह जगह होती है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इसी जगह पर भूकंप का सबसे ज्यादा असर होता है. साथ ही इसी जगह पर सबसे तेज कंपन भी महसूस किया जाता है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है. रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में तेज झटके महसूस होते हैं. भूकंप की आवृत्ति ऊपर की तरफ है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.
आपको बता दें कि नेपाल सेस्मिक जोन चार और सेस्मिक जोन पांच पर स्थित हैं. ये दुनिया का सबसे एक्टिव टेक्टोनिक जोन है. इस कारण से यहां पर काफी ज्यादा भूकंप आते हैं. साल 2015 में भी नेपाल में भूकंप आया था. उस भूकंप से 8,857 लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 21,952 लोग घायल हुए थे. 35 लाख लोग बेघर हो गए थे.