Earthquake in Uttarakhand: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता
Earthquake in Uttarakhand: उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. इससे पहले भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 13 जनवरी की रात 2.12 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.
Earthquake in Uttarakhand: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. इससे पहले भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 13 जनवरी की रात 2.12 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई. सुबह 8:58 बजे मुनस्यारी और तेजम तहसील क्षेत्र के तल्ला जोहार में रिक्टर पैमाने पर 3.8 मैग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया.
किसी के हताहत होने की खबर नहीं
नेशनल सेंटर ऑफ़ सीस्मोलॉजी के मुताबिक, पिथौरागढ़ से 23 किमी 10 किमी की गहरायी में रविवार सुबह करीब 9 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. इससे पहले 9 नवंबर 2022 को भी पिथौरागढ़ में 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
16 नवंबर को भी आया था भूकंप
बीते साल 16 नवंबर को भी मंडी और कुल्लू में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. 3 दिसंबर को चंबा के चुराह में रात को भूकंप आया था. 16 दिसंबर को भी किन्नौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता 3.40 मापी गई थी.
5 जनवरी को भी कई जगह आया था भूकंप
5 जनवरी को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप महसूस किया गया था. उस समय भूकंप की तीव्रता 5.9 आंकी गई थी. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश इलाका था.
भूकंप क्यों आता है और कैसे आता है?
धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.
पांच जोन में बांटा गया है भूकंप क्षेत्र
पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है. वहीं देश का 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है. भारत में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है.सबसे खतरनाक जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा (कश्मीर घाटी), हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आता है.