Earthquake in Manipur: हरियाणा, यूपी के बाद मणिपुर में भी तेज भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता
Earthquake in Manipur: मणिपुर में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. अब तक कहीं भी किसी अनहोनी की जानकारी सामने नहीं आई है.
Earthquake in Manipur: मणिपुर में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 थी. भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ISR) ने इस बात की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. इससे पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी भूकंप के तेज झटके से धरती हिली.
कोई नुकसान की खबर नहीं
नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर ने बताया कि मणिपुर के उखरूल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. शनिवार सुबह 6.14 बजे भूकंप आए थे. वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा में शुक्रवार रात 9.31 बजे 3.2 तीव्रता के भूकंप आए. हालांकि कहीं भी किसी अनहोनी की जानकारी सामने नहीं आई है. 31 जनवरी को मणिपुर में आया था भूकंप (Manipur Earthquake) इससे पहले 31 जनवरी 2023 को भी मणिपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस समय रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, मणिपुर का कामजोंग इस भूकंप का केंद्र रहा था. भूकंप के झटके सुबह 10.19 मिनट पर महसूस किए गए थे. जहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 थी और भूकंप की गहराई 67 किलोमीटर थी. 24 जनवरी को दिल्ली में भूकंप दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई. अचानक से भूकंप की वजह से लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने भूकंप की जानकारी देते हुए बताया, "नेपाल में आज दोपहर 2:28 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया." कई जगह महसूस किए गए झटके इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ और रामनगर में भूकंप से धरती हिली तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी भूकंप के झटकों को महसूस किया गया था. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जिसकी गहराई जमीन के 10 किलोमीटर नीचे थी. दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दर्ज किए गए भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप क्यों आता है और कैसे आता है? धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है. पांच जोन में बांटा गया है भूकंप क्षेत्र पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है. वहीं देश का 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है. भारत में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है.सबसे खतरनाक जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा (कश्मीर घाटी), हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आता है.