Earthquake in Gujarat: गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके, 4.2 रिक्टर स्केल पर मापी गई तीव्रता
Earthquake in Gujarat: गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार (30 जनवरी) सुबह 4.2 तीव्रता का भूकंप आया है.
Earthquake in Gujarat: गुजरात में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 थी. भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ISR) ने इस बात की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.
आईएसआर के मुताबिक, सुबह पांच बजकर 18 मिनट पर 3.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र जिले में खावड़ा गांव से 23 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में था. अहमदाबाद से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कच्छ बहुत ही उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है और वहां हमेशा कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.
24 जनवरी को दिल्ली में भूकंप
दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. लगभग 30 सेकेंड तक तेज झटके महसूस किए गए. जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र पश्चिम नेपाल में बताया जा रहा था. रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई. अचानक से भूकंप की वजह से लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने भूकंप की जानकारी देते हुए बताया, "नेपाल में आज दोपहर 2:28 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया."
कई जगह महसूस किए गए झटके
इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ और रामनगर में भूकंप से धरती हिली तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी भूकंप के झटकों को महसूस किया गया था. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जिसकी गहराई जमीन के 10 किलोमीटर नीचे थी. दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दर्ज किए गए भूकंप के झटके महसूस किए गए.
भूकंप क्यों आता है और कैसे आता है?
धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.
पांच जोन में बांटा गया है भूकंप क्षेत्र
पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है. वहीं देश का 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है. भारत में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है.सबसे खतरनाक जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा (कश्मीर घाटी), हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आता है.