दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके, 30 सेकेंड तक महसूस किए झटके, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता
दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इससे पहले भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 13 जनवरी की रात 2.12 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.
Earthquake in Uttarakhand: दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. बताया जा रहा है कि लगभग 30 सेकेंड तक तेज झटके महसूस किए गए. जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र पश्चिम नेपाल में बताया जा रहा है. रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई. अचानक से भूकंप की वजह से लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने भूकंप की जानकारी देते हुए बताया, "नेपाल में आज दोपहर 2:28 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया."
कई जगह महसूस किए गए झटके
उत्तराखंड के जोशीमठ और रामनगर में भूकंप से धरती हिली तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी भूकंप के झटकों को महसूस किया गया है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जिसकी गहराई जमीन के 10 किलोमीटर नीचे थी. दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दर्ज किए गए भूकंप के झटके महसूस किए गए.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके
उत्तराखंड में दो दिन पहले ही 22 जनवरीभूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. इससे पहले भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 13 जनवरी की रात 2.12 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.
5 जनवरी को भी कई जगह आया था भूकंप
5 जनवरी को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप महसूस किया गया था. उस समय भूकंप की तीव्रता 5.9 आंकी गई थी. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश इलाका था.
भूकंप क्यों आता है और कैसे आता है?
धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.
पांच जोन में बांटा गया है भूकंप क्षेत्र
पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है. वहीं देश का 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है. भारत में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है.सबसे खतरनाक जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा (कश्मीर घाटी), हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आता है.