भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने देश भर में संचालित न्यूट्रास्यूटिकल कंपनियों द्वारा निर्मित नकली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एक निगरानी अभियान शुरू किया है. इस पहल के अंतर्गत  नियामक प्राधिकरण FSSAI ने में अपने उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय,  को नकली दवाओं के उत्पादन में शामिल खाद्य व्यवसाय संचालकों )एफबीओ) के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए, हिमाचल प्रदेश में अपना पहला अभियान शुरू किया है.

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21  केंद्रों पर किया गया निरीक्षण

इस अभियान के तहत 7 से 9 जून, 2023 के दौरान बद्दी, हिमाचल प्रदेश में संचालित 21  केंद्रों (सुविधाओं) का निरीक्षण किया गया और 111 नमूने लिए गए. इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में 25-30 फीसदी  न्यूट्रास्यूटिकल्स निर्माण सुविधाओं का निरीक्षण इस माह के अंत तक किया जाएगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीईओ, एफएसएसएआई ने मंगलवार, 20 जून, 2023 को एफएसएसएआई मुख्यालय में बद्दी, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य पूरक और न्यूट्रास्यूटिकल्स के प्रमुख निर्माताओं के साथ एक बैठक की.

निर्माताओं को दी गई कड़ी चेतावनी

बैठक के दौरान, सीईओ, एफएसएसएआई ने न्यूट्रास्युटिकल विनियमों के सख्त अनुपालन के लिए पूर्ण आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी स्वास्थ्य पूरक एवं न्यूट्रास्युटिकल निर्माताओं को एक कड़ी चेतावनी जारी की. उन्होने गैर अनुपालन की स्थिती में लाइसेंस निलंबन या रद्द करने की संभावना के साथ-साथ आपराधिक मामलों की शुरुआत सहित नियम सम्मत कड़ी कार्रवाई की बात की.

10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा

एक समन्वित प्रयास के महत्व को स्वीकार करते हुए, FSSAI ने हिमाचल प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को निगरानी अभियान को प्रभावी ढंग से पूरा करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया है. उल्लंघन में पाए जाने वाले एफबीओ पर एफएसएस अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है जहां आजीवन कारावास या कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में नागरिकों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए, एफएसएसएआई का समर्पित उपभोक्ता शिकायत पोर्टल, फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप भी उपलब्ध है, जो आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. उपयोगकर्ता के अनुकूल इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से, व्यक्ति किसी भी गैर-अनुपालन या उल्लंघन की तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं, जिससे एफएसएसएआई को तेजी से कार्रवाई करने और मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में मदद मिलती है.