सरकार ने एक कड़े फैसले में 328 फिक्स डोज कॉम्बीनेशन यानी एफडीसी दवाओं पर रोक लगा रखी है. इसका भारी विरोध देखने को मिला. कई दवा कंपनियों ने कोर्ट में इसे चुनौती भी दे डाली. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में  सैरीडॉन सहित तीन दवाओं पर सरकार की तरफ से लगाए प्रतिबंध को हटा दिया है. यहां बता दें कि फिक्स डोज कॉम्बीनेशन दवाएं दो या दो से अधिक दवाओं के अवयवों (सॉल्ट) को मिलाकर बनाई जाती हैं.

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एफडीसी दवाओं को लेकर सरकार और विशेषज्ञों का कहना है कि इन दवाओं का स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है. साथ ही कंपनियां एफडीसी या ब्रांडेड दवाओं की कीमत सामान्य से कई गुना ज्यादा तक वसूलते हैं.आम जनों का राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार इसके समानांतर जनऔषधि केंद्र के माध्यम से जेनरिक दवाओं को प्रोत्साहित कर रही है.

आपकी जानकारी के लिए यहां बता दें, जेनरिक दवाओं में भी वहीं सॉल्ट और गुण होते हैं जो एक ब्रांडेड दवा में होते हैं. लेकिन जेनरिक और ब्रांडेड दवाओं की कीमत में आसमान धरती का फर्क है. अगर इसे समझना हो तो आप इसे एक टैबलेट पैरासिटामोल से समझ सकते हैं.

बुखार में इस्तेमाल होने वाले एक्लोफिनैक और पैरासिटामॉल सॉल्ट की जो टैबलेट जेनेरिक में 5 रुपये 70 पैसे का है, ब्रांड के नाम पर कंपनियां उसके लिए 23-30 रुपये तक वसूल रही हैं.ऐसी ही स्थिति कई बीमारियों में काम आने वाली दवाओं की कीमतों में देखने को मिलती हैं. सरकार ने खुद जन औषधि केंद्र की वेबसाइट पर जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं के दाम में अंतर की सूची जारी की है. 

 

केंद्र सरकार की पहल से सभी राज्यों के जिलों और प्रमुख शहरों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं. जैसे राजधानी दिल्ली 41 स्टोर हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश में 472 स्टोर खुल चुके हैं. हर दिन देशभर में और केंद्र खुल रहे हैं.

कहां से ले सकते हैं जेनेरिक दवाएं

केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से जेनेरिक दवाएं ली जा सकती हैं. सभी राज्यों के जिलों और प्रमुख शहरों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं. दिल्ली की बात करें तो यहां 41 स्टोर हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश में 472 स्टोर खुल चुके हैं. केंद्र सरकार लगातार नए केंद्र खोल रही है. पिछले दिनों खबर आई थी कि देशभर के पेट्रोल पंप और रेलवे स्टेशन पर भी जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी है.