India Water Week: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची इंडिया एक्सपो मार्ट, इंडिया वाटर वीक का करेंगी उद्घाटन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज इंडिया वाटर वीक का उद्घाटन करेंगी. इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के दो हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे.
India Water Week: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज इंडिया वाटर वीक का उद्घाटन करेंगी. नॉलेज पार्क स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न देशों के दो हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कार्यक्रम 5 नवंबर तक चलेगा. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतेजाम किए गए हैं. पांच दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में जल संरक्षण,जल के उपयोग और जल स्रोतों को संरक्षित करने पर चर्चा होगी.
क्या है कार्यक्रम की थीम इस कार्यक्रम की थीम Seeing the unseen: The value of water मतलब समानता के साथ सतत विकास के लिए जल सुरक्षा है.Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
कई मंत्री होंगे शामिल इंडिया वाटर वीक के इस सातवें संस्करण में दुनियाभर से दो हजार लोग नदियों में कम होता पानी, जल संरक्षण आदि विषयों पर अपने रिसर्च को पेश करेंगे. यह प्रोग्राम पांच नवंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम में कई देशों के कृषि मंत्रियों के भी शामिल होने की उम्मीद है. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई मंत्री शामिल होंगे.
साफ पानी को संरक्षित करने पर जोर कार्यक्रम में कई तकनीकी सत्र के साथ प्रेजेंटेशन से जागरूक किया जाएगा. इससे पहले 2019 में दिल्ली में इसका आयोजन हुआ था. उस दौरान 1500 विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया था. इस वर्ष कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण को लेकर जो उपाय, तकनीक, प्रबंधन के प्रभावी तरीकों को अमल में लाया जाएगा,उसमें साफ पानी को संरक्षित करने का काम होगा. कब हुई थी स्थापना केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इसमें लगभग 22 से ज़्यादा देशों के प्रतिनिधि, अधिकारी, विषय विशेषज्ञ और मंत्री इसमें हिस्सा लेने वाले हैं. विश्व में सिंगापुर, स्टॉकहोम, अमेरिका में ऐसे सम्मेलन होते रहते हैं जिससे सभी देशों को इससे फायदा होता है. विश्व में सिंगापुर, स्टॉकहोम, अमेरिका में ऐसे सम्मेलन होते रहते हैं जिससे सभी देशों को इससे फायदा होता है. इंडिया वाटर वीक की स्थापना 2012 में हुई थी. कोविड की वजह से पिछले 2 साल से यह नहीं हो पा रहा था. इसके जरिए पानी से जुड़े मंत्रालय, राज्य, अंतरराष्ट्रीय संगठन, NGOs एक जगह आएं और पानी के विषय पर चर्चा हो.