Driving License Rules: देश में गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है. इसे कोई भी बनवा सकता है. हालांकि, इसके जरूरी है कि उम्मीदवार जारी नियमों के योग्य हो. लेकिन लाइसेंस के लिए रीजनल ट्रांसपोर्टेशन ऑफिस (RTO) के चक्कर काटने होते हैं. अब सरकार ने इससे जुड़े नियमों में अब कुछ बदलाव कर दिया है. इससे बार-बार RTO के चक्कर काटने से इजात मिलेगी. साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में आसानी भी होगी. 

ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा नया नियम

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केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से जुड़े नियमों को पहले आसान किया है. इसके तहत अब लोगों को RTO जाने और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लंबी कतार में इंतजार करने की आवश्कता नहीं होगी. क्योंकि इसका जिम्मा राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर का होगा. दरअसल, सरकार ने अब मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट लेने का अधिकार दे दिया है. नए नियम 1 जुलाई 2022 से लागू हो गए हैं. 

क्या है पूरा प्रोसेस?

  • ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदनकर्ता को ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. 
  • सेंटर द्वारा आयोजित ड्राइविंग टेस्ट को पास करना होगा.
  • टेस्ट पास होने पर केंद्र की ओर से सर्टिफिकेट दिया जाता है.
  • सर्टिफिकेट मिलने के बाद उम्मीदवार DL के लिए अप्लाई कर सकता है
  • इसके बाद कैंडिडेट को बिना टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है 

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सेंटर पर कैसे होगा टेस्ट?

RTO का चक्कर काटने से बचने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर से काफी हेल्प मिलेगी. लेकिन जरूरी है कि यहां होने वाले टेस्ट के बारे में ठीक से जान लें. तो बता दें कि सेंटर सिमुलेटर से लैस होंगे. साथ ही ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होंगे. इससे हल्के मोटर वाहनों (LMV) और मध्यम और भारी वाहनों (HMV) के लिए ट्रेनिंग दे सकते हैं. LMV के लिए कुल 29 घंटे की ट्रेनिंग होगी. इसे 4 हफ्तों में पूरी करनी होगी.