Electromagnetic Railgun: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भविष्य के हथियारों पर भी कार्य कर रहा है. इसी सिलसिले में उसने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन बनाने की शुरुआत हो चुकी है.  इस गन की खूबी यह है कि यह बिना विस्फोटकों के 200 किलोमीटर की दूरी से फायर कर सकती है. बारूद की जगह इसमें इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड का प्रयोग किया जाएगा. इस सिस्टम में इलेक्ट्रिक करंट से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड तैयार होता है. जिसके कारण रेलगन में लगा हुआ गोला, ध्वनि की रफ्तार से भी 6-7 गुना ज्यादा तेजी से बाहर की ओर निकलता है. DRDO ने ट्वीट कर दी जानकारी इस तोप की खासियत यह है कि इसमें गोला दागने के लिए बारूद नहीं, बल्कि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया जाता है. डीआरडीओ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. पुणे स्थित उसकी प्रयोगशाला आर्ममेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) में इस पर काम शुरू किया गया है. यह थल, नभ और जल सेना तीनों के लिए भविष्य का एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा.

इसके कई फायदे होंगे तोप की मारक क्षमता 50-60 किलोमीटर तक और रेलगन की क्षमता 200 किलोमीटर तक होगी. यह समुद्र में दुश्मन के जहाज उड़ाने, मिसाइल हमले टालने या दुश्मन के वायुयान को गिराने के लिए आसान होगा. यह छोटी मिसाइलों के बराबर काम करेगा. बारूद का इस्तेमाल नहीं होने के कारण लागत में कमी आएगी.