दूरसंचार विभाग ने राज्य सरकारों से लंबित बकाये के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल की दी जा रही बिजली नहीं काटने का आग्रह किया है. विभाग ने कहा कि दोनों कंपनियां अगले महीने से शुरू हो रहे आम चुनावों के लिये रणनीतिक सेवाएं दे रही हैं. बीएसएनएल पहले ही बिजली मद में बकाया 90 प्रतिशत का भुगतान कर चुकी है और शेष अगले 15 से 20 दिनों में पूरा करने की उम्मीद कर रही है.

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एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दूरसंचार विभाग की तरफ से एक पत्र राज्य के प्रमुख सचिवों को भेजा गया है. पत्र में उनसे एमटीएनएल और बीएसएनएल को मिलने वाली बिजली नहीं काटने का आग्रह किया गया है. इसका कारण कंपनियां चुनावों का प्रबंधन करने के लिये राज्य मशीनरी को रणनीतिक समर्थन उपलब्ध करा रही हैं.’’ 

इस बारे में संपर्क किये जाने पर बीएसएनएल के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने बिजली कनेक्शन मद में कुल बकाये में से 90 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है. अब करीब 250 करोड़ रुपये बचे हैं. इसे अगले 15 से 20 दिनों में चुका दिया जाएगा. कुछ जगहों पर बिजली काटी गयी थी लेकिन उसे अब बहाल कर दिया गया है.’’ 

एमटीएनएल की स्थिति का फिलहाल पता नहीं चल सका है. बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों अपने कर्मचारियों को फरवरी महीने का वेतन नहीं दे पाये थे. सरकार ने फरवरी महीने का वेतन भुगतान के लिये नकदी संकट से जूझ रही एमटीएनएल को 171 करोड़ रुपये का लंबित बकाया जारी किया जबकि बीएसएनएल ने आंतरिक संसाधनों से करीब 850 करोड़ रुपये बकाये वेतन का भुगतान किया.

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