Doctors Strike: मुंबई के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अपने बकाया भुगतान सहित कई मांगों को नहीं माने जाने को लेकर सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं. महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों के मेडिकल कॉलेजों में उनके साथियों ने पहले से ही 2 जनवरी से हड़ताल का ऐलान किया है. BMC के अस्पतालों में मेडिकल एजुकेशन में एक्सपीरिएंस ले रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल (BMC Doctors Strike) से OPD की सर्विस बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है, क्योंकि BMC के अस्पतालों से हजारो रेजिडेंट डॉक्टर जुड़े हुए हैं.

चालू रहेंगी इमरजेंसी सुविधाएं

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महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की एक अम्ब्रेला बॉडी, महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) की BMC विंग ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी सेवाओं का हिस्सा बना रहेंगे. 

क्या हैं रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग

अधिकारियों को लिखे एक पत्र में, BMC MARD ने 1 जुलाई, 2018 से महंगाई भत्ते के बकाया (arrears of dearness allowance) को जारी करने के साथ-साथ BMC अस्पतालों में महंगाई भत्ते पर एक सरकारी रिजॉल्यूशन लागू करने की मांग की है. इसके अलावा नायर अस्पताल (NAIR MARD) के रेजिडेंट डॉक्टरों के आठ महीने और KEM और कूपर अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के दो महीने के कोविड एरियर भी जारी करने की मांग की है.

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उन्होंने कहा कि BMC को सभी बीएमसी और जीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टरों को पर्याप्त हॉस्टल सर्विस देना चाहिए. वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने राज्य में 1,432 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के साथ-साथ रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में समानता लाने के लिए भी दबाव बनाया है और एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने को भी कहा है.

अधिकारियों को लिखे अपने लेटर में BMC ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी में किसी भी तरह की विसंगतियों को दूर करने के लिए एसोसिएशन ने पूरे महाराष्ट्र के सभी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को सामान सैलरी देने की भी मांग की है.