Diwali 2023 Latest Update: देशभर में चारो तरफ दिवाली की धूम है. दिवाली की साफ सफाई तो हो चुकी होगी और अब रंगोली और घर को सजाने का समय आ गया है. लेकिन दिवाली सिर्फ रंगो, लाइट्स और साज सजावट के लिए ही नहीं बल्कि कुछ और काम के लिए बहुत मशहूर है. कई जगहों पर दिवाली के दिन जुआ खेलने का भी रिवाज़ है. इस रिवाज़ को कई जगह पर परंपरा के तौर पर देखा जाता है. कई लोग पूरे साल नहीं खेलते लेकिन दिवाली के दिन जरूर खेलते हैं. इसके पीछे एक रोचक कहानी है. 

शिव-पार्वती के साथ इसका संबंध!

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हिंदू मान्यताओं की पौराणिक कथाओं की माने तो दीपावली की रात जुआ खेलना इसलिए शुभ है क्योंकि कार्तिक मास की इस रात को भगवान शिव और माता पार्वती ने चौसर खेला था. जिसमें भगवान शिव हार गए थे. तभी से दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा जुड़ गई. लेकिन, इसका कहीं वर्णन नहीं है, ऐसा कथाओं में कहा जाता है. 

दिवाली के दिन जुआ खेलना शुभ है, लेकिन जुआ पैसा लगाकर खेला जाए तो उसको अशुभ माना जाता है. जुए की लत के चलते ही महाभारत काल में पांडव अपनी धन दौलत, पत्नी सब कुछ हार गए थे. जुआ की लत आदमी को बर्बाद कर देती हैं. 

दिवाली के दिन घर आती हैं मां लक्ष्मी

दिवाली की रात को शगुन की रात भी मानी जाती है. दिवाली की रात में मां लक्ष्मी का घर आने के लिए आह्वान किया जाता है. लोगों का मानना है कि दिवाली की रात जुआ खेलना सालभर हार-जीत का संकेत माना जाता है और इस रात जुए में जो जीतता है, उसका भाग्य सालभर चमकता रहता है. मगर दिवाली के दिन जुआ खेलने से आपको इसकी लत भी लग सकती है. इसलिए अगर आप कभी जुआ नहीं खेले हैं तो आपको दिवाली के दिन भी जुआ नहीं खेलना चाहिए.

जुआ खेलना है तो बिना कुछ दांव पर लगाए मनोरंजन के लिए खेल सकते हैं. अगर आप परिवार में आपस में मिलकर खेल की तरह खेलते हैं तो इससे आपस में प्यार बढ़ता है. लेकिन पैसा लगाने से कभी आपके लिए हानिकारक हो सकता है.  जुए में पैसा लगाकर खेलने से मां लक्ष्मी भी रूठ सकती हैं और सालभर आपको परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है.