करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स (दूरस्‍थ शिक्षा) करने वाले छात्रों को UGC ने बड़ी राहत दी है. UGC ने करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स कराने वाले इंस्टिट्यूट पर शिकंजा कस दिया है. इससे वे अब शिक्षकों को रखने में गड़बड़ी नहीं कर पाएंगे. अब तक ज्यादातर इंस्टिट्यूट रेगुलर कोर्स के साथ करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स के लिए एक ही शिक्षक से काम चलाते थे. लेकिन अब इस पर UGC ने रोक लगा दी है.

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UGC के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी कॉलेजों को खत भेजकर निर्देश दिए हैं कि BA, BSC, BCom, MA, MBA और MCom कोर्स पढ़ाने के लिए कम से कम 3 शिक्षक अलग से रखने होंगे.

बदला नियम

ओपन यूनिवर्सिटी इन कोर्सों के लिए मिनिमम 5 शिक्षक रखेंगे. वहीं, दोनों तरह के कोर्स चला रहे कॉलेज दो-दो शिक्षक रखेंगे जबकि ओपन यूनिवर्सिटी के लिए इन्हीं कोर्स की पढ़ाई के लिए 3-3 शिक्षकों को नियुक्त करना जरूरी है.

यूपी में कई कॉलेज

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी यूपी में अनेक ऐसे कॉलेज हैं, जहां करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स चल रहे हैं, मगर वहां एक भी दिन पढ़ाई नहीं होती है. 

सिर्फ डिग्री के लिए भरवाते हैं फॉर्म

अधिकारी ने बताया कि कुछ कॉलेज तो ऐसे हैं जो करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स के फॉर्म भरवा देते हैं और छात्रों को महज परीक्षा ही देनी होती है. ज्यादातर जगह करस्‍पॉन्‍डेंस और रेगुलर कॉलेजों में एक ही शिक्षक से काम चलाया जा रहा है. नियम के मुताबिक विभिन्न पाठ्यक्रमों की सप्ताह में कम से कम 1 दिन क्‍लास जरूर लगनी चाहिए, पर ऐसा होता नहीं है.

क्‍लास नहीं लगती

उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि करस्‍पॉन्‍डेंस कोर्स के नाम पर बहुत धांधली होती है. इनमें क्‍लास कभी नहीं लगती है.