UP Mainpuri By-Election Result 2022: उत्तर प्रदेश की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीट मैनपुरी के चुनावी नतीजे आ गए हैं. यहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने जीत हासिल कर ली है. उन्‍होंने बीजेपी (BJP) के रघुराज सिंह शाक्‍य को हराया है. बता दें कि मैनपुरी सीट पर 1996 के बाद से मुलायम सिंह यादव का दबदबा रहा है. नेता जी की कुछ जनसभाएं ही यहां सपा कैंडिडेट की जीत को सुनिश्चित कर देती थीं. लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर लोगों की निगाहें थीं. इसे उनकी प्रतिष्‍ठा से जोड़कर देखा जा रहा था. 

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हालांकि नेता जी की बहू इस प्रतिष्‍ठा को बचाने में कामयाब रहीं और भारी वोटों के साथ उन्‍होंने इस सीट से जीत हासिल की है. डिंपल यादव को यहां 618120 वोट मिले हैं, वहीं भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 329659 वोट मिले हैं. इस जीत के बाद अब डिंपल अपने ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को संभालेंगी और तीसरी बार सांसद बनेंगी. आइए एक नजर डालते हैं उनके अब तक के राजनीतिक सफर पर.

पहला चुनाव हार गईं थी डिंपल

डिंपल यादव ने पहला चुनाव वर्ष 2009 में फिरोजाबाद सीट से लड़ा था. तब अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद से इस्तीफा दे दिया था और कन्नौज की सीट अपने पास रखी थी. उस समय डिंपल को फिरोजाबाद सीट से जिताने के लिए अखिलेश ने काफी मेहनत की थी और गली-गली जाकर वोट मांगे थे. इतना ही नहीं, खुद मुलायम भी डिंपल के लिए वोट मांगने आए थे और शिवपाल भी गांव-गांव जाकर वोट मांग रहे थे. एड़ी से चोटी तक का दम लगाने के बावजूद डिंपल ये चुनाव बुरी तरह हार गई थीं. उस समय डिंपल का मुकाबला राज बब्‍बर से था और वे 84000 से अधिक वोटों से चुनाव हारी थीं. इस हार से पूरा यादव परिवार सदमे में आ गया था.

दो बार कन्‍नौज से सांसद बनीं

इसके बाद 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल को सपा ने अपना प्रत्‍याशी बनाया और यहां डिंपल यादव ने जीत दर्ज कराई और पहली बार सांसद बनी. इसके बाद 2014 की मोदी लहर में भी उन्होंने अपनी सीट बचाए रखी और कन्नौज से ही वे दूसरी बार सांसद चुनी गईं. हालांकि 2019 में वे कन्‍नौज सीट को बचा पाने में नाकामयाब रहीं. उन्‍हें भाजपा प्रत्‍याशी सुब्रत पाठक ने हराया था.

मैनपुरी सीट पर दांव पर थी मुलायम की प्रतिष्‍ठा

नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हो गई थी. यहां से जब सपा ने डिंपल यादव को प्रत्‍याशी बनाया तो हर किसी की नजर इस सीट पर थी. इस सीट पर वर्षों से मुलायम सिंह यादव का दबदबा रहा है. साल 2014 में भी जब पूरे देश में मोदी लहर थी, तब भी मैनपुरी सीट पर भगवा रंग नहीं चढ़ पाया. इस बार सवाल उनकी प्रतिष्‍ठा का था. लेकिन मुलायम की बहू उनकी प्रतिष्‍ठा को बचाने में कामयाब रहीं और उन्‍होंने भारी वोटों से मैनपुरी सीट पर जीत हासिल की. इस जीत के बाद डिंपल यादव तीसरी बार सांसद बनेंगी.

1996 से सपा के पास है मैनपुरी सीट

मुलायम सिंह यादव ने पहली बार 1996 में मैनपुरी सीट से जीत दर्ज कराई थी, तब से ये सीट सपा के पास है. मैनपुरी को सपा का गढ़ कहा जाता है.  यहां 1996 में मुलायम सिंह यादव, 1998 में बलराम सिंह यादव, 1999 में बलराम सिंह यादव, 2004 में मुलायम सिंह यादव, 2004 (उपचुनाव) में धर्मेंद्र यादव, 2009 में मुलायम सिंह यादव 2014 में मुलायम सिंह यादव, 2014 (उपचुनाव) में तेज प्रताप यादव और 2019 में मुलायम सिंह यादव सांसद रहे हैं.

उत्‍तराखंड की रहने वाली हैं डिंपल

15 जनवरी 1978 को महाराष्ट्र के पुणे में पैदा हुईं डिंपल का परिवार मूलत: उत्तराखंड का रहने वाला है. उनके पिता रिटायर कर्नल हैं. साल 2019 में दिए हलफनामे के अनुसार डिंपल यादव ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. उन्होंने 1998 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की डिग्री ली थी.