एक फोन कॉल से ही घर में हो जाएंगे कैद, जानिए कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट, बचना चाहते हैं तो तुरंत करें ये काम
Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है. ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं. इस पर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी भी जारी की है.
Digital Arrest: इंदौर में परमाणु ऊर्जा विभाग के एक प्रमुख संस्थान के कर्मचारी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने के नाम पर 71 लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया. इंदौर के ही एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती से ‘डिजिटल अरेस्ट’’ के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने एक संगठित गिरोह के 34 बैंक खातों और 1,400 सिम कार्ड की पहचान की है. डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है. इस पर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी भी जारी की है.
Digital Arrest: पुलिस अधिकारियों के रूप में सामने आते हैं साइबर ठग
डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं. सरकार ने चेतावनी दी है कि साइबर अपराधी "डिजिटल गिरफ्तारी" का सहारा ले रहे हैं. सरकार ने कहा है कि साइबर अपराधी अक्सर पुलिस अधिकारियों या अन्य सरकारी अधिकारियों के रूप में सामने आते हैं और लोगों को धमकाते हैं कि अगर वे उनके निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
Digital Arrest: अज्ञात नंबरों से आने वाले वीडियो कॉल का न दें जवाब
सरकार के मुताबिक सीबीआई, पुलिस, कस्टम के अधिकारी, ईडी, जज आपको वीडियो कॉल के जरिए अरेस्ट नहीं करते हैं. साथ ही अज्ञात नंबरों से आने वाले वीडियो कॉल का उत्तर न दें. अगर आप किसी ऐसे कॉल का जवाब देते हैं जो आपको संदिग्ध लगता है, तो तुरंत कॉल को काट दें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि आपका आधार कार्ड नंबर या बैंक खाता विवरण, किसी को भी फोन पर न दें. साथ ही किसी के खाते में कोई भी पैसा ट्रांसफर न करें.
Digital Arrest: 12 लाख रुपए अलग-अलग खातों में कराए ट्रांसफर
इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि एक गिरोह ने एक मल्टी नेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रही युवती को पांच महीने पहले कॉल किया और उसे मादक पदार्थों व फर्जी पासपोर्ट के मामले में फंसाने की धमकी दी. उन्होंने बताया कि गिरोह ने युवती को डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने का झांसा दिया और जांच के नाम पर उससे कुल 12 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए. अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आता है, तो इसकी रिपोर्ट www.cybercrime.gov.in पर करें या 1930 पर कॉल करें.