Digital Ads ASCI Report: डिजिटल एड्स को लेकर बड़े स्तर पर शिकायतें दर्ज की गई हैं. Advertising standard council of India (ASCI) ने अपनी हाफ ईयरली कंप्लेन रिपोर्ट पब्लिश की है, जिसके मुताबिक संस्था के पास सबसे ज़्यादा- 55%- शिकायतें डिजिटल एडवर्टाइजमेंट को लेकर सामने आई हैं. 39% शिकायतें प्रिंट और 5% शिकायतें टीवी पर चलने वाली एड को लेकर सामने आई हैं. इन सभी शिकायतों में सबसे ज़्यादा लोगों को शिक्षा क्षेत्र में झूठे दावे करने वाले एड से आपत्ति है. 22% लोगों ने क्लासिक एजुकेशन मॉडल को एडवर्टाइज करने वाले एड्स में दावों को ग़लत ठहराया तो 5% लोगों ने Ed टेक सेक्टर के दावों को. ASCI की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि 97.7% एड के दावे झूठे गलत और कंज्यूमर को गुमराह करने वाले थे.

इंफ्लुएंसर्स के दावे पाए गए खोखले

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सभी क्षेत्रों में ASCI ने पाया कि 28% इंफ्लुएंसर्स के कंटेंट में गलत झूठे और खोखले दावे थे. इंफ्लुएंसर्स को लेकर ASCI ने 781 शिकायतें प्रोसेस कीं, जिससे कि यह सामने आया कि 34% इंफ्लुएंसर्स गलत तरीके से पर्सनल केयर कंटेंट प्रमोट कर रहे थे तो 17% फूड एंड बेवरेज और 10% डिजिटल असेट 9% ई-कॉमर्स, फ़ैशन और लाइफस्टाइल 7%, गेमिंग 5%, सर्विसेज़ 3%, ड्यूरेबल्स 2%, फाइनेंस 2% और शिक्षा में 2% इंफ्लुएंसर कंटेंट गलत पाया गया.

किस सेक्टर में कितने दावे झूठे निकले

आंकड़ों के मुताबिक ASCI ने 2,764 ऐड्स को प्रोसेस किया और पाया कि पर्सनल केयर सेक्टर में 14% एड के दावे खोखले हैं, तो हेल्थकेयर में 13% विज्ञापनों के दावों में कोई सच्चाई नहीं है.

- Food and Beverages का एडवर्टीजमेंट कंटेंट को 13% लोगों ने झूठा बताया तो गेमिंग सेक्टर में 4% शिकायतें दर्ज हुईं.

- Durables में 4%, Realty में 4%, Crypto में 4%, सर्विस सेक्टर में 3%, ई-कॉमर्स में 3% और 3% शिकायतें फाइनेंस सेक्टर से सामने आईं. 

ASCI के आंकड़ों के मुताबिक़ 3,340 दर्ज शिकायतों में से 65% सुओ मोटो, 16% कंज्यूमर, 15% सरकार, 3% इंडस्ट्री और 1% कंज्यूमर ऑर्गनाइजेशन ने दर्ज करवाई हैं.

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