अभी तो भारत ने सिर्फ अंगड़ाई ही ली थी कि पाकिस्तान के होश उड़ गए. अभी तो कैप्टन कूल ने देश भक्ति की पिच पर बलिदानी छक्का मारा ही था कि पाकिस्तान की आंखे फटी की फटी रह गई. खेल के जबरदस्त जज्बे के साथ महेंद्र सिंह धोनी के जादुई दस्तानों पर जब सेना के शौर्य का तमगा चमकने लगा, तो ना जाने क्यों आईसीसी के साथ-साथ पाकिस्तान को भी दिक्कत होने लगी? देश के हीरो धोनी का अपनी सेना को सम्मान आईसीसी की आंखों में किरकिरी बन गया. धोनी तो खुद सेना के जाबांज अफसर है और उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद भी दिया गया है. 

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ICC के फरमान से गुस्से में देश

धोनी देश और देश की सेना दोनों का गर्व हैं. फिर आखिर क्यों आईसीसी को धोनी की देशभक्ति से दिक्कत हुई. आईसीसी ने बीसीसीआई को कहा कि वो आने वाले मैचेस में धोनी के दस्तानों से इंडियन पैरा स्पेशल फ़ोर्सेज़ का प्रतीक चिह्न 'रेजिमेंटल डैगर' हटा ले. जाहिर है आईसीसी के इस फरमान में देश गुस्से में आ गया. 

धोनी के साथ जनता

झारखंड सरकार के मंत्री सी पी सिंह ने कहा उन्होंने ग्लव्स पहन लिया तो कौन सा गलत कर दिया, उससे छक्के और चौकों पर क्या असर पड़ रहा था, उससे बॉलिंग पर क्या फर्क पड़ रहा था? भारत की 130 करोड़ जनता BCCI के साथ है हमारे एम एस धोनी के साथ है. 

पाकिस्तानियों के पेट में दर्द

BJP के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा जो लोग इस तरह इस पर ऐतराज कर रहे हैं, उन्हें पता है पाकिस्तानियों के पेट में दर्द हो रहा है. पाकिस्तानी बलिदानी सिंबल देखकर डर रहे हैं युद्ध के मैदान में भी हमने पाकिस्तान को पीटा है और खेल के मैदान में भी पाकिस्तानियों को पीटेंगे. 

हालांकि सरकार ने इस मामले में सीधे हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. लेकिन, बीसीसीआई से उम्मीद जाहिर की कि वो अपना पक्ष मजबूती से रखे और धोनी के साथ खड़ा रहे. 

खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने कहा वर्ल्ड कप में जो घटना हुई उसमें भारत की साख से जुड़ी हुई जो बात सामने आई, मैं ये कहना चाहता हूं कि BCCI उसको अपने स्तर से अच्छी तरह से सुलझाए.

BCCI ने किया धोनी का समर्थन

BCCI भी धोनी के समर्थन में उतर आया है और उसने ICC की आपत्ति खारिज कर दी है. आईसीसी के नियम कहते हैं कि राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय गतिविधि वाले संदेश या प्रतीक खेल में इस्तेमाल नहीं हो सकते. लेकिन, धोनी तो खुद सैन्य अफसर हैं और उनका बलिदान बैच आईसीसी कि किसी नियमावली का उल्लंघन भी नहीं करता. लेकिन, पाकिस्तान यहां भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. भारत के सम्मान के मुद्दे पर बेवजह टांग अड़ाते हुए पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी का बेतुका बयान आया कि धोनी खेलना चाहते हैं या महाभारत लड़ना. यही नहीं उन्होंने भारतीय मीडिया की समझ पर भी सवाल उठाया.

सवालों के घेरे में ICC और पाकिस्तान

सवालों के घेरे में आईसीसी भी है और पाकिस्तान भी. आईसीसी से सवाल ये कि जब पाकिस्तानी टीम मैदान पर नमाज अदा कर सकती है तो क्या भारतीय खिलाड़ी अपनी सेना और जाबांज सैनिकों को सम्मान भी नहीं दे सकते? क्या आईसीसी ने पाकिस्तान के दबाव में ये तुगलकी फरमान जारी किया है. पाकिस्तान आखिर क्यों इस मुद्दे पर अपनी टांग अड़ा कर अपनी ही किरकिरी करा रहा है. क्या पाकिस्तान मैच से पहले ही धोनी के बलिदानी शौर्य से डर गया है. क्या पाकिस्तान कश्मीर की तरह खेल के मैदान में भी छद्म युद्ध करना चाहता है.