भारतीय कामगारों को लेकर विदेश मंत्रालय का बड़ा खुलासा, 18 देशों में बढ़ी मांग, जानें डीटेल्स
Indian Workers in Demand: दुनिया के 18 देशों में भारतीय कामगारों की मांग बढ़ी है और इसका खुलासा विदेश मंत्रालय ने अपने ताजा आंकड़ों के जरिए किया है.
Indian Workers in Demand: दुनियाभर में अब भारतीयों का बोलबाला है. ऐसा हम नहीं कह रहे, ऐसा विदेश मंत्रालय के आंकड़े कह रहे हैं. भारतीय कामगारों की मांग को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि दुनिया के 18 देशों में भारतीय कामगारों की मांग लगातार बढ़ रही है. कोरोना महामारी से पहले जितने भारतीय कामगार विदेश गए थे, उससे दोगुने महामारी के बाद विदेश पहुंचे हैं. दुनियाभर में जैसे-जैसे बाजार खुल रहे हैं, भारतीय कामगारों की मांग लगातार बढ़ रही है.
क्या कहते हैं विदेश मंत्रालय के आंकड़े
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीय कामगारों की संख्या 3 साल पहले 94000 थी, जो अब बढ़कर 1 लाख 90 हजार पहुंच गई है. ये आंकड़े उन 18 देशों के हैं, जहां जाने के लिए भारतीय कामगारों को इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ECR) पासपोर्ट लेना पड़ता है.
किन लोगों को मिलता है ECR पासपोर्ट
ईसीआर पासपोर्ट उन लोगों को मिलता है, जिन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई नहीं की है. इनके पासपोर्ट पर पासपोर्ट ऑफिस की विशेष मुहर की जरूरत होती है. उन्हें ईसीएनआर की श्रेणी में रखते हैं. ईसीआर वाले देशों में विदेशी कामगारों के लिए कानून सख्त नहीं हैं.
बता दें कि ये कामगार ई-माइग्रेट सिस्टम से बाहर जाते हैं, लिहाजा प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई, बुनकरों जैसे कामगारों को इस पोर्टल के माध्यम से काम के लिए बाहर जाने की इजाजत मिलती है. कोरोना महामारी के दौरान 2021 में भी इन देशों में भारतीय कामगारों की मांग नहीं घटी.
इस साल कितने कामगार कर रहे हैं काम
इस साल 1 लाख 33 हजार भारतीय कामगार इन देशों में काम कर रहे थे. हैरानी की बात यह है कि केरल से ईसीआर पासपोर्ट पर जाने वालों की संख्या गिरी है. इन देशों में जाने वाले कामगार सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और तमिलनाडु से हैं. बाकी लगभग सभी राज्यों से उनकी संख्या में दोगुने से तीन गुने तक बढ़ोतरी हुई है. नीचे दी गई लिस्ट में देखें कि 2020 से लेकर 2022 तक कैसे भारतीय कामगारों की मांग बढ़ी है. बता दें कि ये डाटा जून 2022 तक का है.
राज्य | 2020 | 2021 | 2022 |
उत्तर प्रदेश | 28911 | 35221 | 67240 |
बिहार | 13911 | 24526 | 31081 |
प. बंगाल | 7425 | 9917 | 15288 |
राजस्थान | 6126 | 11345 | 13733 |
तमिलनाडु | 6476 | 8830 | 10709 |
केरल | 8487 | 10560 | 6255 |
आंध्र प्रदेश | 3882 | 5482 | 8911 |
पंजाब | 3317 | 5983 | 4955 |
तेलंगाना | 2984 | 4375 | 6042 |
ओडिशा | 2199 | 4179 | 3181 |