Delhi Power Subsidy: दिल्ली वालों के लिए एक काम की खबर है. अगर आपको अपने 200 यूनिट की फ्री बिजली सब्सिडी को जारी रखना है, तो इसके लिए आपको एक अलग से फॉर्म भरना होगा. अगर आप अपनी फ्री बिजली की सब्सिडी (Free Electricity Subsidy) को छोड़ना चाहते हैं, तो भी आप इस फॉर्म में इसकी जानकारी दे सकते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 1 अक्टूबर के बाद से दिल्ली में केवल उन्हीं कंज्यूमर्स को सब्सिडी दी जाएगी जो इसका विकल्प चुनते हैं.

दो ऑप्शन होंगे मौजूद

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अधिकारियों ने बताया कि आप सॉफ्ट और हार्ड दोनों तरीके से यह फॉर्म उपलब्ध होगा, जिसे आप अपनी सुविधा के हिसाब से भर सकते हैं. कंज्यूमर्स को अपनी सब्सिडी रखने या 1 अक्टूबर के बाद इसे छोड़ने के लिए 'हां' या 'नहीं' के ऑप्शन को चुनना होगा.

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "बिजली विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है कि सब्सिडी का लाभ लेने या इसे सरेंडर करने के बारे में उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया कैसे एकत्र की जाएगी. संबंधित अधिकारी की मंजूरी के बाद इसे जुलाई में शुरू किए जाने की उम्मीद है."

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उन्होंने बताया कि कंज्यूमर्स को अगले महीने के अपने बिजली बिल के साथ एक छपा हुआ फॉर्म मिलेगा, जिसमें वह अपने सब्सिडी को जारी रखने या बंद करने के ऑप्शन भर सकते हैं.

डिजिटली भी कर सकते हैं अप्लाई

बिजली कंपनियां अपने ऑफिशियल पोर्टल्स के जरिए कस्टमर्स से ऑनलाइन भी इसकी जानकारी लेंगी. बता दें कि दिल्ली में 80 फीसदी से अधिक बिजली उपभोक्ता अपने बिजली बिल को ऑनलाइन भरते हैं.

उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार द्वारा एक अभियान शुरू करने की भी योजना है कि उन्हें 1 अक्टूबर के बाद सब्सिडी मिलेगी, अगर वे इसकी मांग करेंगे.

यहां इस्तेमाल होगा सब्सिडी का पैसा

केजरीवाल ने कहा था कि कस्टमर्स द्वारा संरेडर की गई सब्सिडी से बचा हुआ पैसा दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों को अपग्रेड करने पर खर्च किया जा सकता है. ऑफिशियल डेटा के मुताबिक, दिल्ली में 58.18 लाख बिजली के कस्टमर हैं, जिसमें 47.11 लाख सरकार की सब्सिडी योजना का फायदा लेते हैं.

इन लाभार्थियों में 30.39 लाख घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं जो प्रति माह 200 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं और 100 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त करते हैं. 16.60 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं जिनकी मासिक खपत 201-400 यूनिट है और जिन्हें 800 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है.