दिल्ली में रहने वाले और दिल्ली में बाइक या कार चलाने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. बीते 15 जुलाई से दिल्ली में कई प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र केंद्र बंद पड़े थे, जिसकी वजह से कई लोगों को PUC सर्टिफिकेट बनवाने में तकलीफ हो रही थी लेकिन अब उन लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ गई है. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (DPDA) परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद 15 जुलाई से बंद पड़े प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) केंद्रों में फिर से कामकाज शुरू करेगा. 

सर्टिफिकेट की दर में प्रस्तावित बढ़ोतरी

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एसोसिएशन ने प्रदूषण प्रमाण पत्रों की दरों में प्रस्तावित वृद्धि से असंतुष्टि जताते हुए 15 जुलाई से पीयूसीसी केंद्र बंद कर दिए थे. संगठन ने कहा कि यह वृद्धि केंद्रों के संचालन में लगने वाली लागत के अनुरूप नहीं है. डीपीडीए ने एक बयान में कहा कि उसके प्रतिनिधियों ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक की.

दिल्ली की आम जनता के लिए खोले केंद्र

बयान के अनुसार यह निर्णय लिया गया कि डीपीडीए तुरंत हड़ताल वापस लेगी और दिल्ली की आम जनता के हित में पीयूसीसी का परिचालन फिर से शुरू करेगी. इसमें कहा गया है कि परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने भी प्रक्रिया में शामिल वास्तविक लागतों के आधार पर दरों में और संशोधन के पहलू पर पुनर्विचार करने पर सहमति व्यक्त की है. डीपीडीए इस संबंध में विस्तृत समर्थ प्रस्तुत करेगा. जनहित में डीपीडीए ने अपने पेट्रोल पंपों पर पीयूसीसी केंद्रों की हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है. 

सर्टिफिकेट फीस में संशोधन संभव

11 जुलाई को दिल्ली सरकार ने करीब 13 साल बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के लिए पीयूसीसी शुल्क में बढ़ोतरी की. यह बढ़ोतरी 20 से 40 रुपये के बीच है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि सरकार द्वारा नई दरें अधिसूचित होते ही लागू हो जाएंगी. दिल्ली में कुल 900 से अधिक पीयूसी जांच केंद्र है, इसमें से 700 से अधिक केंद्र पेट्रोल पंपों पर स्थित है.