दिल्ली-NCR में लगी Emergency, पॉल्यूशन से 5 नवंबर तक खराब रहेंगे हालात
पंजाब और हरियाणा में प्रतिबंध के बाद भी लगातार पराली जलाने के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत ज्यादा बिगड़ गया है.
पंजाब और हरियाणा में प्रतिबंध के बाद भी लगातार पराली जलाने के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत ज्यादा बिगड़ गया है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) इंडिया के अनुसार, दिल्ली में AQI 459 पर पहुंच गया है जो 'अति गंभीर' श्रेणी में आता है.
आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को धुंध और वायु प्रदूषण 35 प्रतिशत रहा, गुरुवार को इसके 24 प्रतिशत रहने का अनुमान था और शुक्रवार को इसके 25 प्रतिशत रहने का अनुमान था लेकिन सुबह ही यह और बढ़ गया. जानकारों की मानें तो 5 नवंबर तक ऐसे ही हालात बने रहने की आशंका है.
फसल के अवशेषों को जलाने की अपेक्षा उन्हें उर्वरकों में बदलने के लिए जरूरी तकनीकों और मशीनरियों को खरीदने के लिए किसानों को केंद्र सरकार द्वारा 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी देने के बाद भी पराली जलाने की समस्या अब भी है.
सरकार के एक सूत्र ने गुरुवार को कहा कि किसानों को राज्य सरकारें सुविधाएं दे रही हैं और पिछले कुछ सालों में केंद्र ने इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं.
हरियाणा में सिरसा के एक किसान संजय न्योल ने कहा कि ज्यादातर किसान मशीनों का उपयोग कर पराली को मिट्टी में मिला देते हैं क्योंकि वे पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से परिचित हैं. लेकिन कुछ स्थानों पर पराली जलाने की समस्या अब भी है और कार्रवाई भी नहीं की गई है.
पर्यावरणविद् कहते हैं कि धुंध के लिए पराली जलाना सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. धुंध ने पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर को ढंका हुआ है. टेरी के एक विशेषज्ञ सुमित शर्मा ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वर्तमान सीजन में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी और धुंध का 30-60 प्रतिशत पराली जलाने के कारण है.