Delhi-NCR Pollution: राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले ही एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में पहुंच गई है. रविवार सुबह दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में धुंध छाई रही. अक्षरधाम के आसपास काफी धुंध के कारण वहां से गुजरने वालों को गाड़ियों की रफ्तार कम करनी पड़ी. इसके साथ ही सुबह से ही गाड़ियों की लाइट ऑन दिखी. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार रविवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 266 (खराब) श्रेणी में है. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सोमवार तक हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है. दिल्ली में पटाखों पर बैन शनिवार को दिल्ली का औसत AQI 265 अंक पर दर्ज किया गया. हालांकि, कई इलाकों में एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. दिल्ली में 19 अक्टूबर से ग्रैप का दूसरा चरण लागू किया गया. बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए  दिल्ली में पटाखों पर बैन लगायी गयी है. कोई भी शख्स पटाखे फोड़ता पाया गया तो 200 रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं, उसे 6 महीने जेल में भी काटने पड़ सकते हैं. कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी जीरो से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. बिना पटाखों के दिवाली मनाने की अपील प्रदूषण के बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली सरकार लोगों से बिना पटाखों के दीया जलाकर दिवाली मनाने की अपील की है. दिल्ली में दिवाली पर प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ सकता है. पराली जलाने के मामले में भी सामने आ रहे हैं. इससे भी दिल्ली में हवा का स्तर खराब हो रहा है. पूर्वानुमान के मुताबिक, 22 से 24 अक्टूबर के बीच प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच सकता है. दिवाली के बाद अगले करीब 1 हफ्ते तक प्रदूषण का स्तर बेहद खराब तक जा सकता है. हाल ही में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. 2017 में पहली बार लगी थी रोक 2017 में पहली बार पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई थी. साल 2018 में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई थी. इसी तरह, 2019 में भी केवल ग्रीन पटाखों को दिवाली की इजाजत दी गयी थी. जबकि साल 2020 और 2021 में पटाखों की खरीद-बेच पर पूरी तरह से रोक की घोषणा की गई. वायु प्रदूषण का सेहत पर असर वायु प्रदूषण (Air pollution) के संपर्क में आने से हमें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. वायु प्रदूषण से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस की समस्या, अस्थमा का अटैक, फेफड़ों का कैंसर, फेफड़े में सूजन और जलन, निमोनिया, बच्चों में बर्थ  डिफेक्ट, दिल की बीमारी, ल्यूकेमिया, आंखों में जलन,गले में खराश या दर्द शामिल है. सांस की दिक्कत से बचने के घरेलू उपाय दूषित हवा से अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो आप भाप ले सकते हैं. भाप लेने से फेफड़ों में जमा कफ बाहर निकलता है और फेफड़ों में होने वाली जकड़न या कंजेशन से राहत मिलती है. ऐसे करें प्रदूषण से खुद का बचाव 1. घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क जरूर लगाएं. 2. बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं. 3. घर में नियमित डस्टिंग करते रहें. 4. घर के बाहर सड़क को गीला रखें.