Delhi Liquor Policy: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, फिलहाल पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी
दिल्ली के मुख्य सचिव ने 8 जुलाई, 2022 को एक रिपोर्ट LG को सौंपी थी जिसमें कहा गया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर गलत लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया.
दिल्ली सरकार ने राज्य में लागू आबकारी नीति को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि फिलहाल राज्यभर में पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी.नई आबकारी नीति की CBI से जांच की उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) की सिफारिश के बीच दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है.
पुरानी शराब नीति पर लौटेगी केजरीवाल सरकार
केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने बीते साल लागू हुई New Excise Policy को वापस लेने का फैसला किया है.आबकारी नीति 2021-22 को 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया. अब 31 जुलाई को इस पर विराम लग जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि आबकारी विभाग अब भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है जिसमें शराब घर तक पहुंचाने और कई अन्य सिफारिशें हैं. उनके अनुसार इस मसौदा नीति को अभी उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास नहीं भेजा गया है. दिल्ली एलजी ने दिए जांच के आदेशइससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसमें शराब की दुकानों के टेंडर में 144 करोड़ रुपये का शराब माफिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ था.
भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई से करने का फैसलादिल्ली के एलजी ने इस आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई से करने का फैसला किया था. बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद रमेश बिधूड़ी से साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया था. पुलिस उनको रोकने की जब कोशिश की तो कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की.दिल्ली के एलजी ने नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया था.
सिसोदिया के घर के बाहर भी किया गया प्रदर्शनआम आदमी पार्टी का आरोप था कि सत्येंद्र जैन की तरह बीजेपी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजना चाहती है. कुछ दिन पहले खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि मनीष सिसोदिया जैसे ईमानदार आदमी को बीजेपी जेल भेजना चाहती है. दिल्ली सरकार की सफाई है नई आबकारी नीति में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है.आम आदमी पार्टी और बीजेपी को इस राजनीतिक लड़ाई में कांग्रेस क्यों पीछे रहे लिहाजा कांग्रेस ने भी मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन किया था.कांग्रेस का आरोप है कि दिल्ली में जगह जगह शराब की दुकानों खुलवाई गई.
उपराज्यपाल ने जांच की सिफारिश CBI को दी थी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुए इसकी जांच की सिफारिश CBI को सौंपी थी. उपराज्यपाल के दफ़्तर से मिली जानकरी के मुताबिक़, एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के जवाब में ये सिफ़ारिश की है. दिल्ली के मुख्य सचिव ने 8 जुलाई, 2022 को यह रिपोर्ट LG को सौंपी थी जिसमें कहा गया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर गलत लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया. नई नीति से सरकार के राजस्व में होगा इजाफावहीं नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकानें खुल चुकी हैं. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार के राजस्व में इजाफा होगा. एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के मामले में हुई कथित गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. उपराज्यपाल ने जांच में जिस रिपोर्ट को आधार बनाया था, उसमें कहा गया कि शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ.