Cyber Kidnapping: साल 2024 की शुरुआत में साइबर किडनैपिंग काफी चर्चा में है. हाल ही में अमेरिका के यूटा शहर में साइबर किडनैपिंग का मामला सामने आया है. इसके अलावा चीनी छात्र की फेक किडनैपिंग हुई . इसके बाद 66.62 लाख की फिरौती मांगी गई. 20 दिसंबर से लापता था 17 साल का काई झुआंग. इसके बाद पुलिस को काई झुआंग बर्फीले पहाड़ पर मिला. जानिए क्या होती है फेक किडनैपिंग, जिसके जरिए साइबर क्रिमिनल्स लगा रहे हैं लोगों को चूना.

Cyber Kidnapping: डीप फेक का किया जाता है इस्तेमाल, AI के जरिए क्रिएट किया जाता है किडनैपिंग सीन 

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साइबर किडनैपिंग को आसान भाषा में इसे फेक किडनैपिंग कह सकते हैं. अपराधी ऐसा किसी शख्स से पैसे निकलवाने के लिए करते हैं. इसके बाद हाथ-पैर बंधे हुए फेक फोटो-वीडियो का इस्तेमाल किया जाता है. फोटो-वीडियो बनाने में डीप फेक का इस्तेमाल होता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए रियल किडनैपिंग का सीन क्रिएट किया जाता है. इन्हीं फोटो-वीडियो के जरिए फिरौती की डिमांड की जाती है. बाद में पता चलता है कि रियल में नहीं बल्कि फेक किडनैपिंग हुई है. 

Cyber Kidnapping: कैसे हुई साइबर किडनैपिंग? 66.62 लाख की रकम वसूली

किडनैपर्स ने छात्र की जानकारी जुटाई.फोन के जरिए छात्र से संपर्क किया गया. अपराधियों ने छात्र को एक पहाड़ी पर जाने को कहा. बात नहीं मानने पर परिजनों को जान से मारने की धमकी दी.अपराधियों के डर से झुआंग एक बर्फीली पहाड़ी पर रहने लगा.ठगों ने झुआंग के परिजनों से कहा, उसका बेटा किडनैप हो गया है. झुआंग के परिजनों से ठगों ने 66.62 लाख रुपए की फिरौती मांगी. झुआंग के परिजनों ने 66.62 लाख की रकम किडनैपर्स को दे दी. पुलिस ने जांच के बाद काई झुआंग को बर्फीले पहाड़ से बरामद किया.

साइबर किडनैपिंग से बचने के लिए जरूरी है कि अज्ञात नंबर से कॉल न उठाएं. इसके अलावा यदि आपको ऐसे कॉल आते हैं तो एक बार अपने परिजनों से बात करें. साथ ही जितनी जल्दी हो सके पुलिस से संपर्क करें.