कंपनियों की Monopoly तोड़ पाएंगे ग्राहक, मोदी सरकार ने कंज्यूमर को बनाया और ताकतवर
मोदी सरकार ने ग्राहकों के हितों को बचाने के लिए 1 ऐसे कानून को अमलीजामा पहनाया है, जिसमें ग्राहक को यह अधिकार होगा कि अगर वह उत्पाद (Product) से संतुष्ट नहीं हैं तो उस कंपनी के खिलाफ सीधे अदालत जा सकते हैं.
अगर आप शॉपिंग में ठगी का शिकार हुए हैं तो यह खबर आपके काम की है. मोदी सरकार ने ग्राहकों के हितों के संरक्षण (Protection of Interests of Consumers) के लिए 1 ऐसे कानून को अमलीजामा पहनाया है, जिसमें ग्राहक को यह अधिकार होगा कि अगर वह उत्पाद (Product) से संतुष्ट नहीं हैं तो उस कंपनी के खिलाफ सीधे कोर्ट जा सकते हैं. लोकसभा में 1 बिल पास हुआ है, जो ग्राहकों की शिकायतों से निपटने के लिए बना है. इसके तहत 1 रेगुलेटर-केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) बनेगा जो देशभर में उपभोक्ता को नई ताकत देगा. उनकी शिकायतें सुनेगा.
इनकी होगी निगरानी
फूड मिनिस्टर रामविलास पासवान ने लोकसभा में बिल पेश करने के दौरान बताया कि उपभोक्ता संरक्षण बिल 1986 की जगह लेने वाले विधेयक Consumer Protection Bill 2018 में CCPA को राष्ट्रीय स्तर के रेगुलेटर के रूप में स्थापित करने के लिए कुल 109 सेक्शन हैं. यह रेगुलेटर अलग-अलग प्रोडक्ट, प्रोडक्ट क्वालिटी, भ्रामक विज्ञापन, सेलिब्रिटी विज्ञापन सहित अन्य परेशानियों से निपटेगा. रेगुलेटर ई-कॉमर्स (E-Commerce), डायरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) और टेली-मार्केटिंग (Tele Marketing) से होने वाली शॉपिंग की भी निगरानी करेगा.
ग्राहकों को मिलेगा और अधिकार
CCPA बिल ग्राहकों के अधिकारों के उल्लंघन, गलत बर्ताव के साथ झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों से निपटेगा, जिससे लोगों को ठगा न जा सके. पासवान ने बताया कि बिल में 1 महानिदेशक के नेतृत्व में 1 जांच शाखा (Branch) बनेगी, जिसके पास तलाशी लेने और जब्त करने की शक्तियां होंगी.
ये चीजें होंगी कवर
आप पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं और बिल न जमा होने पर कंपनी उसे काट देती है. लेकिन कॉल ड्रॉप में ग्राहक की क्या गलती. उसे इस परेशानी के बाद भी पूरा बिल जमा करना है. CCPA से ग्राहक को अधिकार मिलेगा कि वह कंपनी को ऐसे मामलों में कोर्ट में घसीट सके या बिल कम करने का दबाव बना सके. यानि CCPA मोनोपली को खत्म करेगा.