CUET UG 2024 एग्जाम पर UGC चेयरमैन ने दिया बड़ा अपडेट, जानिए कब से शुरू होगी एप्लिकेशन प्रोसेस
CUET 2024 Application Process: यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने ग्रेजुएशन के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम सीयूईटी के लिए बड़ा अपडेट शेयर किया है. जानिए कब से शुरू होंगी एप्लिकेशन प्रोसेस.
CUET 2024 Application Process: सीबीएसई की 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. वहीं, अब ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा CUET की परीक्षा 15 मई 2024 से 31 मई 2024 तक आयोजित की जाएगी. अब यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने इस परीक्षा की एप्लिकेशन प्रोसेस को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है.
CUET 2024 Application Process: सोमवार या मंगलवार से शुरू हो सकती है एप्लिकेशन प्रोसेस
ANI से बातचीत में यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने कहा, 'सीयूईटी की एप्लिकेशन प्रोसेस सोमवार शाम या फिर मंगलवार से शुरू हो जाएगी. गौरतलब है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) इस अहम परीक्षा में बदलाव करने की योजना बना रही है. सीयूईटी-यूजी में ‘अंकों के सामान्यीकरण’ की व्यवस्था को इस वर्ष से समाप्त किया जा सकता है. एम जगदीश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराए जाने पर एनटीए ओएमआर मोड में परीक्षाएं आयोजित करने की संभावना पर विचार कर रहा है.'
CUET 2024 Application Process: इन सबजेक्ट्स की पेन पेपर मोड में हो सकती है परीक्षा
एम.जगदीश कुमार ने कहा, ' ओएमआर मोड में परीक्षाएं आयोजित से हमें परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए बड़ी संख्या में स्कूलों का चयन करने में मदद मिलेगी. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अपने शहरों अथवा कस्बों में ही परीक्षा केन्द्र मिल जाएं और उन्हें दूर नहीं जाना पड़े.जिन विषयों के लिए अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, उनके लिए परीक्षा ‘पेन-पेपर मोड’ में आयोजित कर सकते हैं, जबकि कम संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर केवल कंप्यूटर आधारित परीक्षा हो सकती है. '
CUET 2024 Application Process: हाइब्रिड मोड में हो सकती है परीक्षा
यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक, 'इस पद्धति से यह सुनिश्चित होगा कि पिछले दो वर्ष से भिन्न सीयूईटी-यूजी परीक्षा कम अवधि में आयोजित की जा सकेंगी.हाइब्रिड मोड सभी के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि भौगोलिक बाधाएं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं में बाधा न बनें.एक ही दिन में एक सबजेक्ट की परीक्षा आयोजित करने से ‘अंकों के सामान्यीकरण’ की व्यवस्था की आवश्यकता खत्म हो जाएगी.’