सरकार ने अगले दो दिन राज्यों में COVID 19 के सैंपल की जांच नहीं करने का फैसला लिया है. कोरोना वायरस महामारी पर जानकारी देते हुए मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ओर से जानकारी दी गई कि ये फैसला लिया गया है कि अगले दो दिन राज्यों को COVID 19 परीक्षण किटों का उपयोग ना करने के लिए कहा जाएगा. यदि इस टेस्ट किट के बैच में कुछ खराबी पायी जाती है तो कंपनी को किट बदलने के लिए कहा जाएगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टेस्टिंग में आ रहा है वेरिएशन

दरअसल सभी राज्यों को कोराने संक्रमण के मामलों की जांच करने के लिए Rapid Test Kits उपलब्ध करायी गई है. ये शिकायत मिली की इस किट के जरिए कोरोना के संक्रमण का सही सही पता लगा पाने में मुश्किल आ रही है. ये शिकायत मिलने के बाद इसके बारे में ICMR ने तीन राज्यों से जानकारी मांगी जिसके आधार पर पता चला कि RT-PCR + ve मामलों का पता लगाने में 6% से 71% तक वेरिएशन आ रहा है. इसको गंभीरता से लेते हुए ICMR ने फिलहाल सैंपल की जांच को रोकने का फैसला लिया है.

 टेस्टिंग किटों की होगी जांच

ICMR की ओर से जानकारी दी गई कि अगले दो दिनों में ICMR के आठ इंस्टीट्यूटों की टीमें फील्ड में जाएंगी और जा कर कोराने की जांच में इस्तेमाल हो रही टेस्टिंग किटों की जांच करेंगी. अगल किट में कोई खामी पाई जाती है तो कंपनी को इन टेस्टिंग किटों का बैच बदलने के लिए कहा जाएगा.

4.5 लाख सैंपलों की हुई जांच

ICMR की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक देश में 4,49,810 सैंपल का परीक्षण किया जा चुका है. सेामवार को 35,852 सैंपलों की जांच की गई. 29,776 सैंपलों की जांच 201 ICMR लैब नेटवर्क में किया गया. 6,076 नमूनों की जांच प्राइवेट लैब में की गई.

 

80 फीसदी मरीजों में नहीं दिखते लक्षण

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक सामने आए संक्रमितों में से 80 फीसदी मामले ऐसे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. मतलब 100 में से 80 मरीजों में लक्षणों का पता ही नहीं चला. देश में कोरोना का संक्रमण अब भी फैल रहा है और हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना के 80 फीसदी मामलों में संक्रमण नहीं दिखना चौंकाने और चिंता करने वाली बात है. अगर ऐसा है तो यह समझ पाना आम आदमी के लिए काफी मुश्किल है कि वो कोरोना संक्रमित है या नहीं.