Covavax vaccine: देश में कोरोना (Corona cases in India) के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है. इस बीच वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगातर चल रही है. दरअसल चीन में कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत समेत दुनिया भर के कई देश चिंतित हैं. पड़ोसी देश होने की वजह से भारत में लोग काफी डर रहे हैं. हालांकि देश के वायरोलॉजिस्ट और एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में चीन जैसे हालात होने की संभावना कम है. लेकिन फिर भी सरकार ने देशभर में आम लोगों को कोरोना के बूस्टर डोज लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना के नए वैरिएंट से लोगों को बचाने के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन तैयार की गई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने कहा है कि उनके कोवोवैक्स टीके को अगले 10 से 15 दिनों में कोविड-19 रोधी ‘बूस्टर’ खुराक के तौर पर मंजूरी मिल जाएगी.

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पूनावाला (SII) ने रविवार को भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में कहा कि टीका कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ बहुत अच्छी तरह से काम करता है. राज्यों और जिलों को कोविशील्ड वैक्सीन नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास आपूर्ति के लिए टीके का पर्याप्त भंडार है.

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अच्छा बूस्टर डोज साबित हुई Covavax

उन्होंने आगे कहा, ‘कोवोवैक्स को अगले 10-15 दिनों में ‘बूस्टर’ डोज के रूप में मंजूरी मिल जाएगी. यह वास्तव में सबसे अच्छा बूस्टर है क्योंकि यह कोविशील्ड की तुलना में ओमीक्रॉन के खिलाफ बहुत असरदार है.’

पूनावाला ने कहा कि हर कोई भारत की ओर आशा की नजर से देख रहा है, न केवल स्वास्थ्य सेवा के मामले में बल्कि इसलिए कि देश एक विशाल और विविध आबादी की देखभाल करने में कामयाब रहा है और इसने कोविड-19 महामारी के दौरान 70 से 80 देशों की मदद भी की. उन्होंने आगे कहा, ‘यह सब हमारी केंद्र सरकार, हमारी राज्य सरकारों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, निर्माताओं के नेतृत्व के कारण संभव हुआ, जिन्होंने एक लक्ष्य के लिए मिलकर काम किया.’

भारत जैसी कोई जगह नहीं

इस अवसर पर, पूनावाला को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों डॉ पंतंगराव कदम मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ये कार्यक्रम पश्चिमी महाराष्ट्र के दिवंगत मंत्री और शिक्षा मंत्री के दिग्गज कदम की जयंती के मौके पर किया गया था. पूनावाला ने विदेश में शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले छात्रों से अपील करते हुए कहा कि भारती विद्दापीठ और इसके जैसे ही अन्य संस्थानों के कारण सपनों को पूरा करने के लिए भारत जैसी कोई जगह नहीं है.