Cough syrup linked deaths: उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर कफ सीरप पीने से हुई मौत के बाद इसे बनाने वाली कंपनी मैरियन बायोटेक घेरे में आ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि Marion Biotech के नोएडा यूनिट में बनी कफ सीरप Dok-1 Max के दूषित होने की खबर को देखते हुए उसके प्रोडक्शन पर गुरुवार रात से रोक लगा दिया गया है. उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि इस मामले में आगे की चांच जारी है.  

कंपनी भारत में नहीं बेचती है Dok-1 Max

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Marion Biotech के लीगल रिप्रेजेंटेटिव ने बताया कि Dok-1 Max का मैन्यूफैक्चर फिलहाल बंद कर दिया गया है. मंडाविया ने गुरुवार को कहा था कि फार्मा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि मैरियन बायोटेक भारत में डॉक-1 मैक्स नहीं बेचती है और इसका एकमात्र निर्यात उज्बेकिस्तान को किया गया है.

कफ सिरप के सैंपल लिए गए

हेल्थ मिनिस्ट ने बताया कि नोएडा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट से कफ सिरप के नमूने लिए गए हैं और इसे चंडीगढ़ में क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (RDTL) को टेस्ट के लिए भेजा गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) 27 दिसंबर से मामले को लेकर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के साथ नियमित संपर्क में था.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

उज्बेकिस्तान के संपर्क में है भारत

विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि भारत उज़्बेक के अधिकारियों के संपर्क में है और इस मामले में उनकी जांच की डीटेल्स को मांगा गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने यह भी कहा कि कंपनी से जुड़े कुछ लोगों को कांसुलर सहायता प्रदान की जा रही है जो वहां कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि उज्बेकिस्तान ने इस मामले में औपचारिक रूप से नई दिल्ली के सामने मामला नहीं उठाया है. फिर भी हमारी एंबेसी उज्बेकिस्तान के संपर्क में है और उनकी जांच के बारे में अधिक जानकारी मांगी है.