दिल्ली पुलिस के निठल्ले, लापरवाह और भ्रष्ट पुलिसवालों को जबरन रिटायरमेंट देकर घर भेजने का आदेश दिया गया है. विजिलेंस विभाग (Vigilance Department) ने ऐसे पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग के बाद कार्रवाई के ये आदेश दिए हैं. यही नहीं विजिलेंस विभाग ने सभी जिलों के डीसीपी (DCP) को पत्र लिखकर कहा कि डार्क शीप और डेड वोण्ड बन चुके पुलिसकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए.

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आदेश के मुताबिक सिपाही (Constable) से सब इंस्पेक्टर (SI) रैंक के अधिकारी की स्क्रीनिंग डीसीपी करेंगे जबकि इंस्पेक्टर रैंक की स्क्रीनिंग Joint CP करेंगे. विजिलेंस ने कुल 8 बिंदुओं जिनमें भ्रष्‍टाचार, ड्यूटी से गायब रहना, आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहना, नशे का आदी होना या किसी आपराधिक केस में कोर्ट से आरोप तय होने जैसे मामलों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. 

ग्रुप A और ग्रुप B के कुल 312 अफसर

आदेश के मुताबिक स्क्रीनिंग कमेटियां अपने अपने जिलों से ऐसे पुलिसकर्मियों के नाम विजिलेंस को भेजेंगीं और फिर इन पर कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले मोदी सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए ग्रुप A और ग्रुप B के कुल 312 अफसरों को जब‍रन रिटायर कर दिया है.

सरकार ने ग्रुप ए के 36000 कर्मचारियों और ग्रुप बी के 82000 कर्मचारियों के काम का रिव्‍यू किया. इनमें से 312 अफसर नकारा मिले. इनमें ग्रुप A के 125 अफसर और ग्रुप B के 187 अफसर हैं.

भ्रष्‍ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई

सरकार ने मौजूदा साक्ष्‍यों के आधार पर भ्रष्‍ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्‍हें रिटायर कर दिया है. यह कार्रवाई फंडामेंटल रूल्‍स (FR) 56 (j)(i), सेंट्रल सिविल सर्विसेज (CCS) पेंशन रूल्‍स 1972 और आल इंडिया सर्विसेज के संशोधित रूल 16(3) को ध्‍यान में रखकर की गई है. इसके तहत सरकार को अधिकार है कि वह किसी भी अफसर के काम का कुछ अंतराल पर रिव्‍यू कर सकती है और उन्‍हें प्रीमैच्‍योर रिटारमेंट दे सकती है. 

इन राज्‍यों में कार्रवाई

केंद्र सरकार की इस कार्रवाई के साथ ही उत्‍तराखंड और एमपी की राज्‍य सरकारों ने भी अपने शासन के नकारा अफसरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. यूपी में 600 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.