Coronavirus Pandemic: सीनियर टैक्स ऑफिसर्स के एक समूह ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए की जा रही कोशिश में मदद के लिए ज्यादा अमीरों पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने के साथ ही विदेशी कंपनियों पर भी ज्यादा रेट पर शुल्क लगाने का सुझाव दिया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने थोड़े समय के लिए इस तरह के सॉल्यूशन के तौर पर सरकार को ये सुझाव दिये हैं.

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भारतीय राजस्व सेवा (IRS) संघ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के चेयरमैन पी सी मोदी को सौंपे गए ‘फाइनेंशियल ऑप्शंस एंड रिस्पॉन्स टू कोविड-19 (Financial Options and Response to Covid-19 Pandemic) टाइटल के नाम से से तैयार डॉक्यूमेंट में ये सुझाव दिये हैं. इस डॉक्यूमेंट पर 23 अप्रैल की तारीख है.

इसमें कहा गया कि टैक्स राहत सिर्फ ईमानदार और नियमों के मुताबिक टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर्स को ही दी जानी चाहिए. विशेष रूप से ऐसे टैक्सपेयर्स को जो समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं.

(ज़ी बिज़नेस)

डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि रिटर्न दाखिल नहीं करने, स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) नहीं करने या उसे रोककर रखने, फर्जी नुकसान के क्लेम के जरिये टैक्स देनदारी कम करके दिखाने के कई मामले सामने आते रहते हैं. सरकार ने कुछ दिन पहले ही खर्चों में कमी करते हुए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर भी रोक लगा दी है. इससे सरकार को करीब 37,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.

अधिकारियों की तरफ से दिए गए सुझाव में एक करोड़ रुपये से अधिक की इनकम वाले लोगों पर 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कही गई है. इसके अलावा पांच करोड़ से अधिक की सालाना आय वाले लोगों पर प्रॉपर्टी टैक्स या वेल्थ टैक्स लगाने की सलाह दी गई है. थोड़े समय के लिए दिए गए इन सुझाव का मतलब तीन से छह महीनों के लिए है.

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यह डॉक्यूमेंट 50 IRS अधिकारियों के ग्रुप ने तैयार किया है. इसमें 9 से 12 माह के दौरान एक्स्ट्रा रेवेन्यू जुटाने के लिए देश में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों पर सरचार्ज बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है. इन कंपनियों की एक से दस करोड़ रुपये की इनकम पर अभी दो प्रतिशत तथा 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम पर पांच प्रतिशत सरचार्ज लगता है.