कोरोना वायरस (coronavirus pandemic) का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. हालांकि सरकार ने लॉकडाउन 4.0 (Lockdown 4.0) में तमाम काम और सर्विस को शुरू कर दिया है. ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में फिर से जरूरी स्टाफ के साथ काम शुरू हो गया है.

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सरकारी ऑफिसों में 50 परसेंट स्टाफ के साथ काम किया जा रहा है और बाकी 50 परसेंट स्टाफ वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. देश में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का तादाद लगभग 48.34  लाख है.

ऑफिस और सड़क पर अनावश्यक भीड़ से बचने के लिए सरकार ने ऑफिस के रोस्टर में बदलाव की सलाह दी है. 

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री और कार्मिक तथा प्रशिक्षण राज्य़ मंत्री जितेन्द्र सिंह ने तमाम मंत्रालय, ऑफिस, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को एक पत्र लिखकर कर्मचारियों की संख्या में छूट देने और ऑफिस खुलने-बंद होने के समय में बदलाव करने की सलाह दी है. 

पत्र में मंत्रालय और विभाग प्रमुखों को ऑफिस आने के लिए तीन चरण के टाइम टेबल तय करने की सलाह दी गई है.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने पत्र में विभाग प्रमुखों से कहा है कि वे ऑफिस के समय में बदलाव कर सकते हैं. ये नया टाइम टेबल सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक, सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक और सुबह दस बजे से शाम साढ़े छह बजे तक हो सकता है.

ऑफिस में 50 परसेंट स्टाफ

मंत्रालय ने कहा कि उप सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों को सभी वर्किंग डे में ऑफिस आ सकते हैं, लेकिन उप सचिव के स्तर से नीचे के अधिकारी और कर्मचारी हर वैकल्पिक दिन में 50 परसेंट उपस्थिति के साथ ऑफिस आएंगे. यानी इस स्तर के अधिकारी और कर्मचारी की मौजूदगी 50 परसेंट होनी चाहिए. जो स्टाफ ऑफिस नहीं आएगा उसे वर्क फ्रॉम होम करना होगा.  

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सरकार का मानना है कि ऑफिसों के समय में बदलाव से एक समय में सड़क पर और वाहनों में जुटने वाली भीड़ को काफी हद तक कम किया जा सकता है. 

प्रगनेंट महिला और दिव्यांग को ऑफिस आने से छूट

सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार के ऑफिस में प्रगनेंट महिला कर्मचारी और अधिकारियों को ऑफिस आकर काम करने की छूट दी है. ऐसा स्टाफ घर से काम कर सकता है.