Covid Impact on Blue Collor Jobs: कोरोना महामारी की दूसरी लहर जॉब मार्केट के लिए अल्पकालिक झटका साबित हो सकती है. इसका असर ज्यादतर 'ब्लू कॉलर' (Blue Collar Jobs) नौकरियों पर पड़ेगा, मतबल वह लोग जो सीधे तौर पर शारीरिक श्रम से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार हॉस्पिटैलिटी, एविएशन, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं.

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ग्लोबल रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट माइकल पेज (Michael Page) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस साल की शुरुआत में कोरोना महामारी (Corona Virus) से उबरने की कोशिश करते दिख रहा था. पिछले साल की दिसंबर तिमाही के मुकाबले इस बार जनवरी-मार्च तिमाही में जॉब में 32 फीसदी की बढ़त देखने को मिली.

पहली लहर जितनी विनाशकारी नहीं होगी दूसरी लहर

हालांकि कोरोना (Corona Virus) की दूसरी लहर (अप्रैल और मई) के बाद भारत में लगे आंशिक लॉकडाउन (Lockdown) के चलते फिर से आर्थिक गतिविधियों (Economic Activities) में गिरावट देखी जा रही है. लेकिन इस बार इसका इकोनॉमी (Indian Economy) पर प्रभाव 2020 जितना विनाशकारी होने की संभावना नहीं है. यह रिपोर्ट माइकल पेज इंडिया के प्लेटफॉर्म से मिली जानकारी के आधार पर है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल से तुलना करने पर इस बार पूरी तरह से देशव्यापी लॉकडाउन (National Lockdown) नहीं लगा था, बल्कि कुछ प्रतिबंधों के साथ लोग अपना व्यापार कर पा रहे थे.

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प्रवासी मजदूरों पर पड़ा असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी (Economy) पर बस कुछ समय के लिए असर रहेगा. यह सैलरी पर काम करने वाले कर्मचारियों को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन श्रमिकों के आजीविका इससे प्रभावित होगी. कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second wave) के दौरान लगे आंशिक लॉकडाउन के कारण हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर लौट गए थे. भारत में जिन क्षेत्रों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, वे रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, एविएशन, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री हैं.

इस सेक्टर में हो रही है हायरिंग

माइकल पेज इंडिया के एमडी निकोलस डुमौलिन (Nicolas Dumoulin) ने कहा कि इस तिमाही में आईटी और हेल्थकेयर सेक्टर हायरिंग एक्टिविटी को बनाए रखेंगे. कोरोना की दूसरी लहर ऐसे समय में आई है, जब भारत की इकोनॉमी में सुधार हो रहा था. 

माइकल पेज इंडिया की एसोसिएट डायरेक्टर नुपुर मेहता (Nupur Mehta) ने पाया कि हेल्थकेयर सेक्टर (Healthcare Sector) में हायरिंग एक्टिविटीज में लगभग 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और डायग्नोस्टिक्स और मेडटेक में विशेष रूप से 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

पिछले साल से भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काफी सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है. मेहता ने कहा कि निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी फर्मों के साथ-साथ फार्मास्युटिकल दिग्गजों से विशेष रूप से डायग्नोस्टिक्स सेगमेंट में निवेश आ रहा है.