देश में ग्राहक अपने व्यक्तिगत आंकड़ा (Personal Data) साझा करते समय सरकार के मुकाबले निजी कंपनियों पर अधिक भरोसा करते हैं. KPMG के एक सर्वे में यह बात सामने आई है. देश में प्रौद्योगिकी कंपनियां तथा बैंकिंग क्षेत्र अधिक भरोसेमंद इकाइयां हैं. दोनों पर 75-75 प्रतिशत ने भरोसा जताया. उसके बाद क्रमश: संपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) (62 प्रतिशत) तथा बिजली कंपनियों (62 प्रतिशत) का स्थान है.

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वैश्विक स्‍तर पर भारत में सरकार पर लोगों का ज्‍यादा है विश्‍वास

सर्वे के अनुसार व्यक्तिगत आंकड़े साझा करने के मामले में सरकार के मामले में यह भरोसा 51 प्रतिशत ने जताया. सर्वे में देश में 3,000 लोगों की प्रतिक्रयाओं को शामिल किया गया है. हालांकि, अगर वैश्विक स्तर पर सरकार के प्रति भरोसे की बात की जाए तो यह औसतन 37 प्रतिशत है और इस लिहाज से भारत कहीं आगे है. ‘मैं, मेरा जीवन और मेरा बटुआ’ शीर्षक से जारी केपीएमजी सर्वे के अनुसार, ‘सरकार में भरोसे की कमी वर्षों की राजनीतिक लड़ाई, संवैधानिक संकट और बदलते राजनीतिक परिदृश्य का नतीजा है.’

बेहतर सेवा और प्रोडक्‍ट्स के लिए प्राइवेट जानकारी दे सकते हैं भारतीय

यह सर्वे ऐसे समय आया है जब उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में निजता और सुरक्षा को जोखिम का हवाला देते हूए दूरसंचार कंपनियों, बैंक तथा भुगतान सेवा प्रदाता जैसी इकाइयों को ग्राहकों से आधार की मांग करने से रोका है. सर्वे के अनुसार देश में 87 प्रतिशत उपभोक्ता बेहतर ग्राहक सेवा, बेहतर प्रोडक्‍ट्स, सेवा और सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत आंकड़ा साझा करने को इच्छुक हैं. यह दुनिया में सर्वाधिक है. वैश्विक स्तर पर केवल 24 प्रतिशत ग्राहकों ने कहा कि वे अपना आंकड़ा नहीं देंगे जबकि भारत में यह आंकड़ा 13 प्रतिशत बैठता है. यह सर्वे 8 देशों में करीब 25,000 लोगों की प्रतिक्रयाओं पर आधारित है. इसमें 3,000 लोग भारत के हैं.