TV-AC और फ्रिज हो सकते हैं 5% तक महंगे, रुपये की गिरावट से इम्पोर्ट पर बढ़ा दबाव
Consumer durables price hike: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में मूल्य में गिरावट से भी मैनुफैक्चरर की परेशानी बढ़ी है क्योंकि इम्पोर्टेड कलपुर्जे महंगे हो गए हैं.
Consumer durables price hike: टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे घरेलू उपकरणों की कीमतों में इजाफा होने के आसार हैं. घरेलू उपकरणों और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की कीमतें मई के आखिर या जून के पहले हफ्ते से तीन से पांच प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मैनुफैक्चरर लागत में हो रही बढ़ोतरी का भार खरीदारों पर डालेंगे. इंडस्ट्रीज के सूत्रों ने यह जानकारी दी. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में मूल्य में गिरावट से भी मैनुफैक्चरर की परेशानी बढ़ी है क्योंकि इम्पोर्टेड कलपुर्जे महंगे हो गए हैं और यह इंडस्ट्री महत्वपूर्ण कलपुर्जों के लिए इम्पोर्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है.
कलपुर्जों की कमी की समस्या बढ़ गई
खबर के मुताबिक, चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के चलते लगाए गए सख्त लॉकडाउन की वजह से शंघाई बंदरगाह पर कई पोत खड़े हैं. ऐसे में कलपुर्जों की कमी की समस्या बढ़ गई है और मैनुफैक्चरर (विनिर्माताओं) के भंडार पर दबाव बढ़ गया है. ऐसे कई उत्पाद जो बहुत हद तक इम्पोर्ट पर निर्भर हैं, बाजार से गायब हैं. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (Consumer durables price) और उपकरण विनिर्माता संघ (सिएमा) ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से उद्योग के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं.
कच्चे माल की कीमतें पहले से बढ़ रही
सिएमा के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा कि कच्चे माल की कीमतें पहले से बढ़ रही हैं और अब अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है तो रुपया कमजोर, ऐसे में सभी विनिर्माताओं को न्यूनतम बेनिफिट का अनुमान है. जून के बाद से कीमतें तीन से पांच फीसदी बढ़ेंगी. यह मूल्यबढ़ोतरी वॉशिंग मशीन से लेकर एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर (TV fridge AC price) और दूसरे घरेलू उपकरणों पर होगी. कुछ एसी विनिर्माता मई में ही कीमतें बढ़ा चुके हैं, बाकी के इस महीने के आखिर या जून में दाम बढ़ाएंगे.
तब शायद नहीं बढ़ेंगी कीमतें
ब्रेगेंजा ने कहा कि डॉलर के मुकाबले अगर रुपया 77.40 के स्तर पर रहता है, तो विनिर्माताओं को मूल्य संतुलन बनाना होगा. हालांकि, अगर अगले दो हफ्ते में यह 75 रुपये के पहले वाले स्तर तक पहुंच जाता है तो ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी. पैनासॉनिक इंडिया और दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मनीष शर्मा ने कहा कि लागत का दबाव (inflation) लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, कंपनी प्रयास कर रही है कि उपभोक्ताओं पर इसका कम से कम असर हो.
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पिछली बार कब बढ़ी थी कीमत
पिछली बार मूल्यबढ़ोतरी जनवरी, 2022 में की गई थी. हालांकि, जिंसों की बढ़ती कीमतों (inflation) के चलते विभिन्न उत्पादों (Consumer durables price) की कीमतें (TV fridge AC price) चार से पांच फीसदी तक बढ़ाई जा सकती हैं. हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष सतीश एन एस ने कहा कि शंघाई में लॉकडाउन के चलते कलपुर्जों की सप्लाई बाधित हुई है जिसका असर जून से दिखना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि एसी और फ्लैट पैनल वाले टीवी पर बहुत असर रहेगा, जबकि रेफ्रिजरेटर पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा.