देश में कोयले के कुल भंडार 13 जून तक सालाना आधार पर 44% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की गई. यह अब 11.05 करोड़ टन हो गया. जबकि पिछले साल यह 7 करोड़ 66 लाख टन रहा था. कोयला मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

कोयले का ज्यादा स्टॉक की जरूरत क्यों ?

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कोयला मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि देश में कोयले का कुल भंडार 13 जून तक 11.05 करोड़ टन पर पहुंच गया है. मंत्रालय ने कहा कि कोयले का अधिक भंडारण इसकी पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को इंगित करती है. भीषण गर्मी के मौसम में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की उपलब्धता बेहद जरूरी है.

मंत्रालय ने बताया कि खदानों, तापीय विद्युत संयंत्र (TPP) और परिवहन को मिलाकर 13 जून को कुल कोयला भंडार 11.05 करोड़ टन हो गया, जो पिछले वर्ष समान तिथि के 7.66 करोड़ टन भंडार से 44.22% ज्यादा है. इसके अलावा 13 जून तक कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की खदानों में कोयला भंडार सालाना आधार पर 25.77% वृद्धि के साथ 5.97 करोड़ टन था. पिछले वर्ष की समान तिथि को यह 4.74 करोड़ टन था.

कोयले की ढुलाई में रही महत्वपूर्ण भूमिका

इस पूरी अवधि के दौरान कोयले की ढुलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोयले के रेक की उपलब्धता लगातार अच्छी रही है, क्योंकि मंत्रालय ने PM गति शक्ति के तहत रेल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पहल की है ताकि कोयले की निर्बाध ढुलाई सुनिश्चित की जा सके. इस तरह की रेक उपलब्धता ने कोयले के सुचारू परिवहन, परिवहन बाधाओं को कम करने और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में बड़ी मदद की है.

ऊर्जा की मांग में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से निपटने की क्षमता हुई मजबूत

कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है. कोयला मंत्रालय बेहतरीन विकास के लिए एक व्यापक योजना के साथ पहले ही आगे बढ़ चुका है. मंत्रालय पर्यावरण और समुदायों की भलाई को प्राथमिकता देने वाले कर्तव्यनिष्ठ कोयला खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है. सकारात्मक कोयला स्टॉक की इस स्थिति से ऊर्जा की मांग में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से निपटने की क्षमता मजबूत हुई है. इस स्थिति ने देश की ऊर्जा मांगों को पूरा करना सुनिश्चित किया है.

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अहम योगदान

कोयला क्षेत्र हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की बढ़ी हुई घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अहम योगदान निभा रहा है. भले ही विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है. हाल के वर्षों की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की विश्वसनीयता काफी बढ़ गई है और हमारा देश दुनिया की फैक्ट्री के रूप में उभरा है. ऐसे में देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय ने उपयुक्त कार्य योजना तैयार कर भारत की अर्थव्यवस्था को यह स्थान दिलाने में अहम योगदान अदा किया है. इसी के बलबूते देश के कोयला स्टॉक में वृद्धि हुई है जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायता प्रदान कर रहा है.

वैश्विक बाजार में कोयले की कीमत में गिरावट का रास्ता किया तैयार

केवल इतना ही नहीं, भारत के रिकॉर्ड कोयला उत्पादन ने वैश्विक बाजार में कोयले की कीमत में गिरावट का मार्ग प्रशस्त किया है. वहीं 2035-40 तक भारत की कोयले की आवश्यकता दो अरब टन तक जा सकती है. ऐसे में देश में कोयले का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में तैयार होना बेहद जरूरी है.

 

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(PBNS के इनपुट के साथ ज़ी बिजनेस)