देवभूमि उत्तराखंड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है. इस राज्य के लगभग हर घर से कोई न कोई भारतीय सेना में है. गढ़वाल राइफल्स से लेकर कुमाऊं रेजीमेंट तक में उत्तराखंड के जवान अपनी वीरता का लोहा मनवा चुके हैं. इन सेना के जवानों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बहुत बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना के जवानों को मिलने वाले परमवीर चक्र, महावीर चक्र सहित सभी पुरस्कारों की राशि में बढ़ोतरी की घोषणा की है. 

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पुरस्कारों की राशि में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना के जवानों को मिलने वाले परमवीर चक्र, महावीर चक्र सहित सभी पुरस्कारों की राशि में बढ़ोतरी की घोषणा की है. उन्होंने केंद्रीय योजनाओं से पुलिस विभाग को बजट देने की कवायद शुरू करने की बात कही. जिससे सेना के जवानों के साथ ही उनके परिवारजनों का भी मनोबल बढ़ सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, पुलिस कर्मचारियों के कल्याण और उनकी आवासीय एवं अनावासीय सुविधाओं को पूरा करने के लिए कार्य कर रही है. प्रदेश सरकार, भविष्य में वित्तीय संसाधनों से भी बजट का प्रावधान करेगी.

देहरादून में प्रशासनिक विकास

मुख्यमंत्री ने देहरादून पुलिस लाइन में पुलिस मेले का उद्घाटन करने के साथ ही 53.43 करोड़ लागत के पुलिस लाइन के प्रशासनिक भवनों, बैरकों और आवासीय भवनों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके अलावा ऑनलाइन रूप से पुलिस लाइन अल्मोड़ा के प्रशासनिक भवन, बैरक, गार्द रूम और पुलिस लाइन चमोली के प्रशासनिक भवन और क्वार्टर गार्द भवन का भी शिलान्यास किया.

वीरता पुरस्कार क्या है

भारत में वीरता पुरस्कारों की पहली श्रेणी में शामिल हैं और इन्हें निम्न पुरस्कार राशि दी जाती है.

- परमवीर चक्र (50 लाख)

- महावीर चक्र (35 लाख)

- वीर चक्र (35 लाख)

और, दूसरी श्रेणी में शामिल हैं:

- अशोक चक्र (50 लाख)

- कीर्ति चक्र (35 लाख)

- शौर्य चक्र (35 लाख)

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