दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी और वह अन्य राज्यों के अपने समकक्षों को ऐसा करने के लिए पत्र भी लिखेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा. ‘अखिल शिक्षक, कर्मचारी कल्याण संघ’ (ATEWA) द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे केजरीवाल ने कहा कि इसको फिर केंद्र के पास मंजूरी के लिया भेजा जाएगा. मैं इसे लागू कराने के लिए केंद्र से लडूंगा. उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के अपने समकक्षों से इस संबंध में बात करेंगे.

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आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में देश की सरकार बदलने की ताकत है. मैं केंद्र सरकार को आगाह करना चाहता हूं कि अगर कर्मचारियों की मांग तीन महीने के अंदर पूरी नहीं की गई, तो वर्ष 2019 में कयामत आएगी. केजरीवाल ने नई पेंशन योजना को सरकारी कर्मचारियों के साथ ‘विश्वासघात और धोखाधड़ी’ बताया.

उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी से कहना चाहूंगा कि आप सरकारी कर्मचारियों को हताश कर राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘AAP’ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा एवं जल आपूर्ति के क्षेत्रों में इन कर्मचारियों के सहयोग से ही काम कर पाई है.

वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना पेश की थी. इसके तहत, कर्मचारियों का भी उतना ही योगदान होता है, जितना योगदान उनके नियोक्ता करते हैं. कोष का फिर विभिन्न निवेश योजनाओं में उपयोग किया जाता है.